बाराबंकी- छात्र राजनीति व जरायम पेशा से राजनीति की मुख्य धारा व अब धर्म संसद अंर्तगत चक्र व्यास तीर्थ के पीठाधीश्वर के पद पर आसीन लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव को शायद ही कोई ऐसा हो जो ना जानता हो। लखनऊ विश्व विद्यालय की राजनीति से चर्चाओं में पूरे प्रदेश में विख्यात हुए लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव में खुद्दारी इस कदर कूटकूट कर डीएनए में भरी थी कि उन्होंने किसी के आगे झुकना स्वीकार नहीं किया और राजनीति का शिकार हो जरायम के बेदाज बादशाह राजनीतिक आकाओं ने बना दिया। लेकिन अपनी बुद्धि और विवेक के बल पर उन्हीं राजनीति गलियारों को धता बता कब छात्र राजनीति से भाजपा की मुख्य राजनीति में आ जनपद की शहर की नगर पालिका के एक बार स्वयं व दोबारा अपनी पत्नी को अध्यक्ष बनाने में कामियाब हुए लाला रंजीत एशिया के जाने माने डाॅन बबलू श्रीवास्तव के गुरू भी है यह बात लोगो को तब पता चली जब उन्होने बबलू श्रीवास्तव के लिए अधूरा ख्वाब पुस्तक लिखी जिसपर फिलहाल बबलू द्वारा के ही लेखक होने का दावा है लेकिन लोग खूब जानते हैं कि वास्तव में अपने शिष्य के लिए ही लाला ने उस किताब को लिखा। अपनी नई पुस्तक में जहां उन्होंने पाकिस्तान मे गजब ढ़ा रहे देश के दुश्मनों को निपटा रहे देश प्रेमी शेरों का जिक्र किया है वहीं छद्म वेश में देश में हिन्दू बन कर बस गए बांग्लादेशी व दूसरे कट्टरपंथियों को यहां से हटाने में देश की सरकार की बेबसी पर भी प्रकाश डाला है। तों यह भी बताने से नहीं चूके कि बबलू श्रीवास्तव व छोटा राजन कोई अपराधी नहीं बल्कि देश के लिए समर्पित एक ऐसे योद्धा रहे जिन्होंने एक क्रांतिकारी सिपाही के सामान तमाम जोखिम उठा देश के दुश्मनों को निपटाने में सरकार का देश का अद्वितीय सहयोग किया।
बुधवार को धनोखर चक्र तीर्थ पर अपनी पांचवी पुस्तक सर्विस चार्ज का विमोचन करते हुए तमाम बातें लाला की जुबानी सामने आयी तो लोग दंग रह गए। अपनी नई पुस्तक सत्य को छूती हुई हैरतअंगेज कारनामों को उजागर कर तमाम रहस्यो से परदा उठाने वाली पुस्तक सर्विस चार्ज का 27 नवम्बर 2024 को बाराबंकी के धनोखर चक्रतीर्थ व्यासपीठ पर हुआ। दो राष्ट्रपति पुरस्कार विजेता अध्यापको उमेश चन्द्र श्रीवास्तव तथा सुभाष श्रीवास्तव के समक्ष विमोचन का कार्य, सर्विस चार्ज उपन्यास के लेखक लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह पुस्तक राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्दो मे अराजकता फैला रहे उन एजेंटो के खिलाफ है जो घुसपैठ, तस्करी और गली के छोटे से बदमाश को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का कार्य करते है। ऐसे ही तमाम खुलासे इस पुस्तक में किए गए है, उन्होंने ये कहा जिस प्रकार हिन्दुस्तान में सनातन का बोलबाला चल रहा है और गैर हिन्दू भी खुद को सनातनी बोल रहे है।
इस अवसर को पाकर भारत के विरोधी देश उनकी इस आवश्यकता की पूर्ति कैसे कर रहे है और इस किस तरह से कर रहे है इस पुस्तक मे इसका व तमाम मसलो का पूरा जिक्र मिल जाएगा। लाला रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने प्रेसवार्ता के माध्यम से भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य राज्य तथा पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक इस पुस्तक को पहुंचाने में सहयोगी बनने को पत्रकारों से बात कही।