दावन के बांके बिहारी मंदिर के दर्शन के समय में बदलाव किया गया है. इस बदलाव के विरोध में बुधवार को सिविल जज जूनियर डिविजन के न्यायालय में वाद दाखिल किया गया. जिसमें मंदिर के दर्शन के समय को पूर्व समय से 11 घंटे तक करने के निर्देश को रोकने की मांग की गई है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार मथुरा के अधिवक्ता दीपक शर्मा और गिरधारी लाल ने न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र दाखिल किया है. जिसमें उन्होंने तर्क दिया है कि ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में सालों से 8 घंटे के दर्शन का प्रावधान है. लेकिन न्यायालय के आदेश पर यह समय 3 घंटे और बढ़ा दिया गया है. जिसके बाद बांके बिहारी के दर्शन का समय 11 घंटे हो गया है. जिसके लिए नई समय सारणी लागू की गई है उस पर जल्द रोक लगाई जाए.
न्यायालय द्वारा बांके बिहारी मंदिर में दर्शन के समय को 11 घंटे करने के आदेश को रोकने के लिए दी गई याचिका में अधिवक्ता ने तर्क दिया है, कि ठाकुर जी बांके बिहारी मंदिर में बालस्वरूप में विराजमान हैं उनके दर्शन के लिए 8 घंटे का समय तय किया गया था. भक्त सिर्फ 8 घंटे तक ही बांके बिहारी के दर्शन कर सकते थे. लेकिन न्यायालय ने अचानक से दर्शनों के समय को 11 घंटे कर दिया है. ऐसे में बालस्वरूप में बांके बिहारी मंदिर में विराजित ठाकुर जी लंबे समय तक खड़े रहने से परेशान हो जाएंगे और उन्हें कष्ट होगा. जिससे उनके भक्तों की भावना आहत होगी.
वहीं उन्होंने कहा कि शासन और प्रशासन ने अपनी कमियों को छुपाने के लिए दर्शन का समय बढ़ाया है. 2017 में सिटी मजिस्ट्रेट ने एक प्रार्थना पत्र न्यायालय के समक्ष समय बढ़ाने के लिए दिया था. वह भी खारिज हो गया था. प्रार्थना पत्र देते समय जिला जज से यह भी तथ्य छुपाया गया और किसी को सुनवाई का समय दिए बिना ही आदेश दे दिया गया. जबकि इसमें भक्तों और गोस्वामी समाज के पक्ष को भी सुना जाना चाहिए था. वही वादी पक्ष के द्वारा दी गई दलील को सुनने के बाद न्यायालय ने अपना निर्णय सुरक्षित कर लिया है. अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश प्रवक्ता संजय ने बताया कि न्यायालय अपना निर्णय आज सुना सकता है.