भ्रष्टाचार के चलते दो वर्षों में ही गांव में लगाए गए ये कूड़ेदान खराब हो गए। कहीं उसका डिब्बा गायब हो गया है तो कहीं केवल एंगल हीं लगा हुआ है।
उसके बाद गांव में प्लास्टिक की बाल्टियां सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा इकट्ठा करने के लिए लगाई गई थी। लेकिन उनमें से अधिकांश बाल्टियां टूट गई हैं। वह कूड़ा रखने की जगह स्वयं कूड़ा बन गई हैं। संग्रामपुर विकासखंड के उत्तर गांव, जरौटा, तारापुर, भौसिंहपुर, संग्रामपुर, उत्तरगांव, बड़गांव, पुन्नपुर, बनबीरपुर, अमरपुर, भावलपुर तथा अमेठी विकासखंड के रायदेपुर, रेभा, जंगल रामनगर, नरैनी, गंगोली, खेरौना, रामनाथपुर आदि गांव में लाखों रुपए खर्च कर लोहे के कूड़ेदान बनाए गए थे। कूड़ेदान में फेंके जाने वाले तरल पदार्थ को देखते हुए अधिकारियों ने गांव में प्लास्टिक की बाल्टियां रखवाई। लेकिन वे भी ज्यादा दिन नहीं चल पाई। ग्रामीण अपने घरों का कूड़ा सार्वजनिक स्थानों पर फेंक रहे हैं।
ओडीएफ प्लस गांव में हो रही है कूड़ा फेंकने की व्यवस्था
विकासखंड में जो ओडीएफ प्लस गांव हैं उन गांव में कूड़ा निस्तारण के लिए वृहद कूड़ा घर बनवाया जा रहा है। अमेठी विकासखंड में जंगल रामनगर तथा नरैनी में कूड़ा निस्तारण घर बनवाए जा रहे हैं।
जिस गांव में कूड़ादान नहीं रखा होगा वहां होगी व्यवस्था
खंड विकास अधिकारी हरिश्चन्द्र सिंह ने बताया अमेठी विकासखंड के जिन गांव में सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ादान नहीं रखा होगा, वहां पर व्यवस्था कराई जाएगी। उन्होंने बताया सार्वजनिक स्थानों पर प्लास्टिक की बाल्टी रखी गई है। सुरक्षा व्यवस्था न होने के चलते अब बाल्टियां टूट जा रही है। जिस गांव में सभी स्थानों पर कूड़ेदान के लिए डस्टबिन नहीं रखे होंगे वहां के सचिव पर कार्रवाई की जाएगी।,
सर्वेश त्रिपाठी
जिला संवाददाता अमेठी
Author: cnindia
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