मध्य प्रदेश शिवराज सिंह सरकार के द्वारा बेहतर शिक्षा स्वास्थ्य के लिए कई दावे कर रही हैं।लेकिन कुछ जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी के कारण सरकार की छल पूरी तरह से धूमिल हो रही है।हनुमाना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था इन दिनों में पटरी पर उतर रही है।जो यह हनुमना स्वास्थ्य केंद्र में बीएमओ का पद खाली है।कई महीनों से बैसाखी के सहारे संचालित हो रहा है। वही आपको बता दें हनुमना स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत सरकार के द्वारा कैंटीन की व्यवस्था कराई गई है।जहां डिलीवरी पॉइंट में आने वाले मरीजों को चाय नाश्ता एवं भोजन के लिए व्यवस्था सरकार के द्वारा कराई गई है।लेकिन स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत संचालित कैंटीन कभी कबार ही खुलती है।ज्यादातर दिन ताला लटका रहता है आने वाले मरीजों को पता नहीं है। कि चाय नाश्ता एवं भोजन की व्यवस्था कराई जाती है।वही बात की जाए दिल भरी में कराना आने वाले मरीजों को सरकार के द्वारा 2 दिन तक रखा जाता है। लेकिन 1 घंटे बाद छुट्टी दे दी जाती है अगर किसी की डिलीवरी होती है।जमीनी स्तर में जाकर देखा जाए तो 4-6 घंटे के अंदर छुट्टी दे दी जाती है महीना मरीजों को चाय नाश्ता की व्यवस्था नहीं है।जहां दिए गए निर्देश के आधार पर पूरी तरह से जिम्मेदार की लापरवाही सामने आई है।जहां व्यापक तौर पर वित्तीय अनियमितता की गई है।सरकार के द्वारा स्वास्थ्य केंद्र की पुताई नाम पर व्यापक तौर पर भ्रष्टाचार किया गया स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत उप स्वास्थ्य केंद्र पिपराही पहाड़ी के पुताई का कार्य किया ही नहीं गया है।लेकिन पुताई के नाम पर बिल वाउचर लगाकर राशि का बंदरबांट कर लिया गया है अगर जमीनी स्तर में देखा जाए तो अभी का पुताई का पैसा तो निकाल लिया गया है।लेकिन पुताई नहीं कराई गई है।भौतिक सत्यापन कराया जाए तो इसका स्पष्ट हो पाएगा लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों शासन के द्वारा कोई ध्यान नहीं जा रहा है।वहीं स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र के ज्यादातर में ताला लटका मिला रहता है।अगर भौतिक सत्यापन कराया जाए तो कई जगह में तो ताला लटका रहता है।यह प्रभारी बीएमओ के गैर जिम्मेदाराना रवैया के कारण व्यवस्था पूरी तरह से पटरी में उतर गई है।जहां मरीजों की सरकार के द्वारा मिलने वाली योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। आखिर सरकार के द्वारा बैसाखी के सहारे स्वास्थ्य केंद्र को संचालित करके आम लोगों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है सामाजिक संगठनों के द्वारा सुचारू से व्यवस्था कराने के लिए मांग की गई है