देवा थाना मतलब शिकायत करते ही आप बन जाएंगे आरोपी अजब-गजब कानून व्यवस्था’
देवाॅ, बाराबंकी। थाना देवा मैं फर्जी मुकदमों का सिलसिला लगातार जारी है कहीं रंगदारी के फर्जी मुकदमे तो कहीं मारपीट के फर्जी मुकदमे लिखे जा रहे हैं। इस बार तो देवा पुलिस ने हद ही कर दी शिकायतकर्ता पीड़िता पर ही पुलिस ने दर्ज कर दिया मुकदमा शिकायतकर्ता ही बन गया फिर आरोपी पीड़िता आसमा शाहीन ग्राम मुरादाबाद चैकी माती के मुताबिक गांव के दबंगों की शिकायत डायल हंड्रेड पर करना महिला को इस कदर भारी पड़ गया है कि उस पर फर्जी मुकदमा तो लिखा गया है उसके नाबालिग बच्चों का भी करियर बर्बाद कर दिया गया।इसके साथ ही घर से महिला को भी पलायन कर दिया गया है क्योंकि पुलिस का हाथ दबंगों पर है महिलाओं पर नहीं है पीड़िता ने आगे बताया की गांव के ही दबंग प्रधान सिब्बू व जितेंद्र जबरन उसके मकान पर कब्जा करना चाहते हैं फोन पर धमकी भी दी। इसके बाद 20 जनवरी कि सुबह सैकड़ों की संख्या में आकर उसके घर का सारा सामान उठा ले गए उसके मकान की दीवार गिरा दी। जिसकी शिकायत मौके पर महिला ने हंड्रेड डायल पर की पर कोई पुलिस नहीं आई बाद में जब पुलिस आई तो बजाय आरोपियों को पकड़ने के पीड़ित महिला को ही पकड़ ले गई शिकायतकर्ता पर ही मुकदमा पंजीकृत कर दिया। पीड़ित महिला ने माती चैकी प्रभारी पर आरोप लगाते हुए बताया की चैकी प्रभारी ने बहुत ही गंदी गंदी गालियां दी व महिला के परिवार जन जब उसको बचाने गए तो उनको भी सभी पुलिसकर्मियों ने मारा पीटा व उल्टा मुकदमा लिख दिया गया।इसकी शिकायत जब महिला मंगलवार को एसपी से करने पहुंची तो वहां भी उसे नहीं सुना गया।अपने ही मकान मैं रहने के लिए पीड़ित महिला को दर-दर भटकना पड़ रहा है।
हाल ही में अभी कुछ दिन पहले ही थाना देवा में पीड़ित शिकायतकर्ता फैयाज पुत्र नियाज ने दबंगों से अपनी सुरक्षा जानमाल के एवज में पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई शिकायत भी उसक शिकायत पर सुनवाई नहीं की गई तमाम सोशल साइट व ट्विटर पर भी उसने उच्च अधिकारियों से मांग की थी। डाक द्वारा मुख्यमंत्री से भी उसने अपनी आपबीती बताई मगर मजाल है कि पुलिस ने उसकी सुन ली हो बावजूद उसकी एक नहीं सुनी सुनी गई बल्कि आरोपियों से सांठगांठ कर पीड़ित को ही आरोपी बनाकर फर्जी मुकदमा लादकर खामोश करा दिया गया।यह तो एक पहला मामला था वह दूसरा मामला पुलिस की कार्यशैली को उजागर करने का खामियाजा पत्रकार के भाई को भुगतना पड़ा था कुछ दिन पूर्व ही एक पत्रकार के भाई के ऊपर रंगदारी का फर्जी मुकदमा लिख दिया गया था। जिस में भी पीड़ित थाने में शिकायत करने गया था मगर पुलिस ने उसको भी आरोपी बना दिया और अब यह तीसरा मामला यानी कि देवा थाने में अगर आप शिकायत करने पहुंचे या डायल हंड्रेड भी आपने बुला ली और साहब को नहीं समझ में आया तो आपको ही आरोपी बनाकर शिकायतकर्ता से आरोपी बना डालेंगे इसपर तमाम खबरे भी प्रकाशित हुई लेकिन वरिष्ट अधिकारियों ने भी स्वयं न्याय करना मुनासिब नहीं समझा। हालांकि बाराबंकी के नवागत कप्तान को ईमानदार की श्रेणी से भी देखा जा रहा है कि नवागत कप्तान ने खुद कुछ पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई करके यह मैसेज भेज दिया है कि जब तक कप्तान दिनेश कुमार रहेंगे तब तक कोई भी प्रकार की लापरवाही व भ्रष्टाचार नहीं होगा लेकिन जनपद पुलिस के कप्तान के लिए थानों में फर्जी मुकदमों को भी एक चैलेंज के रूप में स्वीकार करना पड़ेगा जिस में गोपनीय टीम बनाकर भी कप्तान साहब को जांच करने की जरूरत है ताकि मजलूम को न्याय मिल सके और जालिम को कानून का डर मालूम पड़ सके जब पीड़ित ही आरोपी बन जाएंगे तो फिर थाने जाने जाने से लोग करेंगे क्योंकि आपकी सुरक्षा हमारा दायित्व यह थानों के बोर्ड पर साफ-साफ लिखा होता है। अगर उसके विपरीत पुलिस की कार्यशैली होगी तो न्याय खत्म हो जाएगा और दबंगों के हौसले और ज्यादा मस्त हो जाएंगे।