बाराबंकी। हाथीपांव रोग के नाम से जाना जाने वाला फाइलेरिया एक गंभीर रोग है। इस रोग को जड़ से खत्म करने के लिए सभी को खुद और अपने परिवार को भी दवा खाने के लिए प्ररित करना होगा। यह बातें ब्लॉक प्रमुख धर्मेन्द्र सिंह यादव ने विभिन्न योजनाओ का लोकार्पण एवं शिलान्यस के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए विकास खण्ड देवा के पंडित दीन दयाल उपाध्याय अन्त्योदय सभागार में व्यक्त की। यह कार्यक्रम जनपद में फाइलेरिया से बचाव के लिए 10 से 27 फरवरी तक सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए राउंड) चलाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में कार्य कर रही सभी संस्थाओं द्वारा, सरकार के साथ समन्वय बनाकर कार्य किया जा रहा है। समुदाय एवं मीडिया के सहयोग से यह कार्यक्रम अवश्य सफल होगा। पूरा प्रयास किया जा रहा है कि समुदाय स्तर पर धर्मगुरुओं के माध्यम से भी लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं खाने के लिए प्रेरित किया जाये।
बीडीओ पूजा पाण्डेय ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बताया इस बार जनपद में आईडीए कार्यक्रम के तहत तीन दवायें आइवरमेक्टिन, डाईइथाइल कार्बामजीन और एल्बेंडाजोल (आईडीए) खिलाई जायेंगी। दो साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को इस दवा का सेवन नहीं करना है।
उन्होंने बताया सामुदायिक प्रतिभागिता बढ़ाने को अभियान का शुभारम्भ सभासद, ग्राम प्रधान, कोटेदार द्वारा दवा खुद खाकर और दूसरों को खिलाकर किया जाये। एमडीए कार्यक्रम की निगरानी जिला और ब्लॉक स्तर पर की जाएगी। सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवा खिलाने के लिए बूथ बनाए जायेंगे ताकि वहां पर आने वाले मरीजों को और उनके तीमारदारों को फाइलेरिया की दवा खिलायी जा सके। अभियान के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ता अपने सामने फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे। किसी को भी खाली पेट दवा नहीं खानी है।