मसौली, बाराबंकी। मेले भारतीय संस्कृति और कौमी एकता का संदेश देते हैं। जिसमें हर धर्म के लोग अपनी पूरी श्रद्धा के साथ अपनी भागीदारी निभाते हैं। सूफी संतों ने हमेशा समाज में एकता का संदेश दिया है। उनकी दुवाओं की बदौलत ही आज संसार चल रहा है।
यह बातें सोमवार को कस्बा बड़ागांव में चल रहे हजरत काजी शहाबुद्दीन औलिया परकाले आतिशी (रह0) की मजार शरीफ पर चादर पेश करने के पश्चात पूर्व जिला पंचायत सदस्य किशन रावत एव पूर्व जिला पंचायत सदस्य शकील सिद्दीकी ने कही। उन्होंने कहा कि मेलांे में सभी धर्मों व समाज के लोग आपसी गिले शिकवे मिटाकर आपस में मिलते है। हम लोगो को सूफी सन्तो के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। उन्हांेने हम लोगों को एकता के सूत्र में बांधने का काम किया है। सभी लोगों को ऐसे आयोजनों में आगे आना चाहिए। रावत ने मजार शरीफ पर चादर पेश कर अमन चैन एव खुशहाली की दुआ मांगी। इस मौके पर पूर्व ग्राम प्रधान राममूर्ति यादव, सपा नेता अशोक यादव, प्रधान प्रतिनिधि नूर मोहम्मद, साकिर अली, नूरुल अमीन अंसारी, कल्लू कुरैशी, जाबिर सलमानी, सोनू रावत, विकास यादव, इस्लाम शाह, अकबर शाह, शादाब अंसारी, फुरकान खान, डॉ. मयाराम यादव ने बाबा की मजार पर माथा टेक कर दुआएं मांगी।