समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां के रामपुर पब्लिक स्कूल की फर्जी मान्यता के मुकदमे में पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट लगा दी है। 1888 पन्नों की चार्जशीट को पुलिस ने सोमवार को अदालत में दाखिल किया। अदालत अब छह जून को इसकी सुनवाई करेगी।यह मामला यतीमखाना की जगह पर बने रामपुर पब्लिक स्कूल से जुड़ा है। पिछले साल रामपुर विकास प्राधिकरण ने बिना नक्शा पास कराए ग्रीन बेल्ट में निर्माण कराने पर स्कूल भवन को तोड़ने के आदेश दिए थे। जिलाधिकारी ने तीन अधिकारियों की कमेटी बनाकर जांच कराई थी। जांच रिपोर्ट से पता चला कि यतीमखाने की जमीन वक्फ बोर्ड ने जौहर ट्रस्ट को निर्माण के लिए दी थी, लेकिन इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया कि निर्माण किस कार्य के लिए होना है। बेसिक शिक्षा विभाग ने सपा शासनकाल में 2016 में ही स्कूल की मान्यता दे दी। तब मान्यता की फाइल में अग्निशमन विभाग की एनओसी दूसरे स्कूल की लगाई गई। इस तरह यह फर्जीवाड़ा किया गया,जिलाधिकारी ने बीएसए को प्राथमिकी दर्ज कराने के आदेश दिए। इस पर वर्ष 2020 में तत्कालीन खंड शिक्षा अधिकारी की ओर से शहर कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी,पुलिस ने इस मामले में आजम खां, उनकी पत्नी पूर्व सांसद डाॅ. तजीन फात्मा के अलावा बीएसए कार्यालय के तत्कालीन बाबू तौफीक अहमद को आरोपित बनाया था। बाबू को निलंबित कर दिया था। बहाली के बाद बाबू का तबादला मुरादाबाद हो गया था। पिछले माह ही बाबू को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इस मामले की विवेचना पूरी कर 1888 पन्नों की चार्जशीट तैयार की है, जिसे सोमवार को संदूक में रखकर पुलिस ने कोर्ट में दाखिल कर दिया। शहर कोतवाली प्रभारी गजेंद्र त्यागी ने बताया कि अदालत इस मामले में छह जून को सुनवाई करेगी।