सूरतगंज, बाराबंकी। क्षेत्र के सुढ़ियामऊ कस्बें में स्थित हजरत बूढ़न शाह शहीद मर्द रहमतुल्लाह अलैह के 137 उर्स के मौके पर मंगलवार की रात्रि मेला मैदान में कव्वाली का आयोजन किया गया। इसका उद्घाटन सूरतगंज ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि शेखर हयारण और आशीष सिंह ने फीता काट कर किया। जबकि मंच संचालन शुऐब अंसारी ने किया।
वहीं कव्वाली का मुकाबला शाह रुख साबरी बिहार एवं कव्वाला उजमा नाज फैजाबाद के बीच हुआ। इस मुकाबले की शुरुआत दोनों ने कसीदा पढ़कर किया गया है। इस दौरान दोनों ओर से शेरो शायरी व गजल के व्यंगबाण पूरी रात चलती रही।कव्वाली की शुरुआत करते हुए कव्वाल शाह रूख साबरी ने पढ़ा श्दिल करता हैं,मैं कर लू घर बार मदीने में, रहते है रसूलो के सरदार मदीने में..श् वहीं इसी तरह से मुकाबले की कव्वाला उजमा नाज ने सुनाया कि श्छोड़ सारी दुनिया को अब चल मदीने चलते हैं, मुस्तफा गुलामों की किस्मतें बदलते हैं..श् इसके जबाब में साबरी कव्वाल ने सुनाया है कि श्सूना सूना हैं जहां,भीगा भीगा हैं, समा, मेरा दिल ये पुकारे तू आजा..वहीं उजमा कव्वाला ने श्होंठों पे तेरे प्यार का इजहार हो न हो, मैं कर चुकी प्यार, तुझे प्यार हो न हो..श् गुनगुनाया तो तालियों से पंडाल गुंज उठा।पुनः इसी के जबाब में साबरी कव्वाल ने श्जहां देख लोगी, मुलाकात होगी, जबा चुप रहेगी, मगर बात होगी..श्की लाइन सुनकर श्रोतागण झूमे उठे। कव्वालों ने पूरी रात्रि महफिल में समां बांधी रखी। लोग थिरकने पर मजबूर हो गये। भीषण गर्मी में लोग पूरी रात कव्वाली का आनंद लेते रहे। इससे पूर्व कमेटी के लोगों ने मजार पर चादर पोशी की।
इस मौके पर मेला सरपरस्त मो.इमरान, मो.सलीम गुल्ले बीसीसी,नदीम शाहिद,जमील,मो. कय्यूम,अबु सालिम, गुफरान अंसारी, फरहान अंसारी, असलम मनिहार, कल्लू सहित हजारों महिला पुरुष बच्चे मौजूद रहे।