नैमिषारण्य में शुक्रवार से सपा का लगने वाला दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर राजनीतिक लिहाज से काफी अहम साबित होने जा रहा है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इस अवधि में सत्ता की वापसी के लिए ‘साधना’ करेंगे। आगामी लोकसभा चुनाव में जीत के लिए बूथ प्रबंधन और कोर वाेटर को साधने के साथ ही पिछड़ों को लामबंद करने के लिए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय जनगणना के मुद्दे को हवा भी दे सकते हैं। मंगलवार को लखीमपुर से लौटते वक्त लहरपुर में एमएलसी जासमीर अंसारी के आवास पर वह भाजपा पर भेदभाव करने का आरोप लगाकर इसके संकेत भी दे चुके हैं।प्रशिक्षण शिविर में समाजवादी पार्टी का फोकस कोर वोटर (अल्पसंख्यक और यादव) को सहेजने पर रहेगा। इसके अलावा कुनबे के विस्तार की रणनीति पर चर्चा होगी। कुर्मी मतदाताओं को पुन: पार्टी से जोड़ने के साथ ही अनुसूचित जाति को भी अपने पाले में करने पर मंथन किया जाएगा। कुर्मी मतों के सपा के साथ जुड़ने पर मिश्रिख, सीतापुर, बाराबंकी, कानपुर, शाहजहांपुर, हरदोई, धौरहरा सहित कई अन्य लोकसभा क्षेत्रों के राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।