जल जीवन मिशन के अंतर्गत विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अध्ययन का लक्ष्य पूरा होने पर भारत को 101 अरब डालर पानी की बचत होगी। गांवों में पानी की व्यवस्था में महिलाओं को नहीं लगाना होगा अपना समय हर दिन 6.66 करोड़ घंटे बचेंगे। गांवों में हर घर को स्वच्छ जल उपलब्ध कराने के केंद्र सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम जल जीवन मिशन का एक बार फिर महत्व रेखांकित हुआ है। अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ ने न केवल इस मिशन को दुनिया के लिए एक मिसाल बताया है। बल्कि अपने एक अध्ययन के जरिये यह अनुमान व्यक्त किया है कि अगर इसे सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया। तो हर ग्रामीण घर में स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति का ढांचा बन गया तो डायरिया के कारण होने वालीं लगभग चार लाख लोगों की मौत को टाला जा सकता है। यह पहला अवसर नहीं है कि जब जल जीवन मिशन को अंतरराष्ट्रीय सराहना-सम्मान तथा समर्थन मिला है। इसके पहले नोबेल पुरस्कार विजेता माइकल क्रेमर का फाउंडेशन गांवों में शिशु मृत्यु दर पर अंकुश लगाने में जल जीवन मिशन के योगदान पर अपनी रिपोर्ट दे चुका है। डब्ल्यूएचओ ने अपने अध्ययन में पाया कि अगर इस मिशन के माध्यम से सभी लोगों तक स्वच्छ जल पहुंचता है तो लगभग 101 अरब डालर की बचत होगी, क्योंकि डायरिया जैसी बीमारियों पर कम खर्च करना पड़ेगा।