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Category: धर्म

भगवान शिव के भक्त रावण और बाबा बैजनाथ की कहानी बड़ी निराली है. पौराणिक कथा के अनुसार दशानन रावण भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए हिमालय पर तप कर रहा था. वह एक-एक करके अपने सिर काटकर शिवलिंग पर चढ़ा रहा था. 9 सिर चढ़ाने के बाद जब रावण 10वां सिर काटने वाला था तो भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर उसे दर्शन दिए और उससे वर मांगने को कहा.

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जोगणिया धाम पुष्कर का 16वां स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया। उपासक भंवरलाल जी का आशीर्वाद मिला। सालासर बालाजी मंदिर परिसर में रिटायर्ड आरएएस रामसुख गुर्जर द्वारा लिखित श्री हनुमान वंदना का विमोचन।

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प्राचीनकाल में नर्मदा नदी ने बहुत वर्षों तक तपस्या करके ब्रह्माजी को प्रसन्न किया। प्रसन्न होकर ब्रह्माजी ने वर मांगने को कहा।नर्मदाजी ने कहा – ’ब्रह्मा जी! यदि आप मुझ पर प्रसन्न हैं तो मुझे गंगाजी के समान कर दीजिए।’

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