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गौशाला के नाम पर करोड़ों खर्च लेकिन छुटटा पशु समस्या तस की तस

सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी। सरकार द्वारा छुट्टा जानवरों के संरक्षण के लिए लाखों रुपए खर्च कर गौशाला निर्माण कराया गया। किंतु जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते क्षेत्र में घूम रहे छुट्टा जानवरों की समस्या जस की तस बनी हुई।
विकासखंड सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में छुट्टा जानवरों को रखने के लिए नौ गौशालाएं शासन द्वारा बनवाई गई। जिन पर जानवरों के रखरखाव के लिए लाखों रुपए प्रति माह खर्च किए जा रहे हैं। इसके बावजूद भी क्षेत्र के लोगों को छुट्टा जानवरों की समस्या से निजात नहीं मिल पा रहा। सरकारी धन पानी की तरह खर्च करने में अधिकारियों द्वारा संकोच नहीं किया जाता है। धन खर्च कर खरीदी गई सामग्री उपयोग में लाई जाए या खड़ी-खड़ी बर्बाद हो जाए इससे उनका कोई वास्ता नहीं। क्षेत्र के छुट्टा जानवरों को पकड़ने के लिए लाखों रुपए खर्च कर कैटल कैचर वाहन को खरीदा तो गया किंतु उसका आज तक प्रयोग नहीं हो पाया। वाहन विकास खंड परिसर में खड़े-खड़े बर्बाद हो रहा। जबकि विकासखंड मुख्यालय के पास ही एक बाग में दर्जनों छुट्टा जानवर रोज घूमते रहते हैं इन्हें पकड़वा कर गौशाला पहुंचाना मुनासिब नहीं समझा जा रहा। इसी तरह क्षेत्र के कस्बा बदोसराय मुख्य चैराहे मरकामऊ किंतूर के साथ ही तहसील परिसर में भी छुट्टा जानवर आतंक का पर्याय बने हुए। सड़कों पर घूम रहे छुट्टा जानवर राहगीरों के लिए मुसीबत बने हुए हैं जिनसे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।जिम्मेदार ध्यान नही दें रहे।जबकि कई बार किसान संगठनों ने भी छुट्टा जानवर पकड़ने के लिए ज्ञापन दिया है।

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Author: cnindia

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