प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों की संख्या 10 करोड़ है। जब आप किसी गांव में जाते हैं, तो आपको बैंक वाली दीदी, आंगनवाड़ी दीदी और दवाई वाली दीदी मिलेंगी। प्रत्येक गांव में दो करोड़ लखपति दीदी बनाना मेरा सपना है। ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार भारत में अब लगभग हर जिले और ब्लॉक में एक एसएचजी है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों का बिगुल फूंकते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को घोषणा की थी, कि सरकार जल्द ही महिला स्वयं सहायता समूहों को कृषि-ड्रोन प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू करेगी। महिला नेतृत्व वाले ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) द्वारा किए गए कार्यों की जमकर प्रशंसा की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने के मकसद से कृषि-प्रौद्योगिकी क्षेत्र के लिए एक नई नीति की योजना बना रही है। कई स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन प्रदान किए जाएंगे। इन कृषि ड्रोनों का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा सकता है। यह पहल 15,000 महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा ड्रोन उड़ाने से शुरू होगी। भाजपा ने अगले चुनावों को ध्यान में रखते हुए महिलाओं को गेम चेंजर के रूप में पहचाना है। यही वजह है कि स्वयं सहायता समूहों पर पीएम का ध्यान केंद्रित है।