राजस्थान ब्रजभाषा अकादमी द्वारा साहित्य सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत राजस्थान के ब्रजभाषा रचनाकारों से 6 विधाओं में प्रविष्टियां आमंत्रित की हैं। इनमें से चयनित रचनाकारों को आयोजित समारोह में नकद पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा। यह पहला अवसर है, जब ब्रजभाषा के लिए राज्य स्तर पर इतनी बड़ी प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है। यहां खासतौर से उल्लेखनीय है कि भारत की सनातन संस्कृति के इतिहास में ब्रजभाषा की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में ब्रजभाषा के शब्दों का उल्लेख किया गया है। अकादमी के सचिव गोपाल गुप्ता ने बताया कि प्रथम विधा आलेख है जिसका विषय राजस्थान मांहिं ब्रजभाषा कौ स्वरूप अरू विस्तार रखा गया है, दूसरी विधा समस्यापूर्ति जिसका विषय केहि कारन गिरवर हाथ लियौ जोर गयौ है एवं मार गई है रखा गया है। तीसरी विधा लघु कथा और कहानी चौथी विधा संस्मरण पांचवीं विधा लोकधुन पै आधारित लोकगीत एवं छठी विधा लघु नाटिका रखा गया है। इसके लिए निर्धारित पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे। कनिष्ट वर्ग की आयु सीमा 20 वर्ष तक रखी गई है, उसके ऊपर आयु वाले वरिष्ट वर्ग में आएंगे। वरिष्ठ वर्ग के लिए प्रथम पुरुस्कार 11000, द्वितीय 7100 एवं तृतीय 3100 का रखा गया है। इसी तरह कनिष्ट वर्ग के लिए प्रथम पुरुस्कार 5100 हजार, द्वितीय 3100 एवं तृतीय 2100 का रखा गया है। तीनो पुरुस्कार सभी 6 विधाओं के लिऐ दिए जाएंगे। कुल 36 विजेताओं को जुलाई में अयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। जिसमें स्व.श्री विष्णु चंद्र पाठक लेखन आलेख, स्व. श्री मोहनलाल मधुकर साहित्य पुरस्कार, स्व.श्री गोपाल प्रसाद मुद्गल संस्मरण पुरस्कार, स्व. श्री सुरेन्द्र उपाध्याय लघु कथा कनिष्ट वर्ग एवं कहानी वरिष्ठ वर्ग पुरस्कार, स्व. श्रीराम प्रकाश कुलश्रेष्ठ लोकधुन पै आधारित लोकगीत पुरस्कार व स्व. श्री बृजेश कुलश्रेष्ठ लघु नाटिका पुरस्कार है।
सचिव गुप्ता ने बताया कि 20 दिन में सभी रचनाएं लिखकर एवं सॉफ्ट प्रति में अकादमी कार्यालय में पहुंच जानी चाहिए, जिसकी अंतिम तिथि 20 जून रखी गई है। जिनका निर्णायक मंडल द्वारा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कारों के लिए चयन किया जाएगा। सभी रचनायें कनिष्ठ एवं वरिष्ठ दो वर्गों में मांगी गई हैं। जयपुर में जुलाई माह में आयोजित समारोह में सभी चयनित 36 रचनाकारों को पुरस्कृत एवं सम्मानित किया जाएगा।