मंडलायुक्त नवदीप रिणवा ने बताया है कि शासन द्वारा गेहूँ के थोक एवं फुटकर विक्रेताओं पर तत्काल प्रभाव से गेहूं की स्टॉक लिमिट लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया है कि स्टॉक लिमिट लागू होने के उपरांत अब व्यापारी एवं थोक विक्रेता 3000 टन से अधिक गेहूं नहीं रख सकते हैं, जबकि खुदरा विक्रेताओं के पास केवल 10 टन तक स्टॉक हो सकता है। केंद्र सरकार द्वारा गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए तत्काल प्रभाव से गेहूं भंडारण सीमा लागू की गई है।उन्होंने कहा है कि ऐसी इकाइयां जिनके पास में गेहूं स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है तो अधिसूचना जारी होने से 30 दिनों के भीतर निश्चित स्टॉक लाने की कार्रवाई कर लें। यदि भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों का उल्लंघन किया जाता है तो उनके विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी। मंडलायुक्त ने यह भी कहा है कि यदि किसी स्टॉक होल्डर्स को किसी प्रकार की कठिनाई या समस्या है तो संबंधित जिला प्रशासन एवं विभागीय अधिकारियों के समक्ष अपनी बात रख सकता है। उन्होंने सम्भागीय खाद्य नियंत्रक को निर्देशित किया है कि स्टॉक होल्डर्स द्वारा पंजीयन एवं घोषित स्टॉक का टीम बनाकर सत्यापन कर लिया जाए।