अलीगढ़ जूनियर प्रीमियर लीग के मैच में दो गेंद फेंकने के लिए फेंकने के एवज में एक गेंदबाज को 1400 रुपये चुकाने पड़े। यानी एक गेंद फेंकने की कीमत 700 रुपये। तीन मैच में उसे दो गेंद फेंकने दिया गया। अब गेंदबाज ने खुद के साथ धोखा होने का आरोप लीग आयोजक पर लगाया है। उधर, लीग के आयोजक को अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन नोटिस देगा। लीग में एमके स्काई टीम से खेल रहे गेंदबाज आष्युमान ने कहा कि उनसे 1400 रुपये लिए गए, लेकिन गेंदबाज होने के नाते भी तीन मैच में केवल दो गेंद फिंकवाई गई। उनके साथ धोखा हुआ है। इसकी शिकायत अलीगढ़ स्पोर्ट्स एसोसिएशन से करेंगे। लीग में 20 टीमें खेल रही हैं। हर टीम में 15-15 खिलाड़ी हैं। 300 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। इनसे 1400-1400 रुपये लिए गए हैं। इस हिसाब से 4 लाख 20 हजार रुपये हो गए। टीमों में 10 साल से लेकर 19 साल तक के खिलाड़ी खेल रहे हैं। क्रिकेट के जानकारों का कहना है कि टीमें असंतुलित हैं, क्योंकि 10 साल के बच्चे को 19 साल का गेंदबाज गेंदबाजी कर रहा है। इतनी तेज धूप में मैच खिलाए जा रहे हैं। एक मैच के बाद पिच टूट जाती है, लेकिन तीन-तीन मैच कराए जा रहे हैं। पिछले दिनों अलीगढ़ प्रीमियर लीग में बतौर मुख्य अतिथि आए यूपीसीए के निदेशक डॉ. युद्धवीर सिंह ने कहा था कि छोटे बच्चों को टी-20 मैच नहीं खिलाना चाहिए। फिर भी उनकी बात अनसुनी कर दी गई। टी-20 लीग में छोटे बच्चे खेल रहे हैं। ऐसे खिलाड़ी भी खेल रहे हैं, एसोसिएशन से पंजीकृत नहीं हैं।