प्रशासनिक सेवा में रहते हुए अजमेर में लोकप्रिय हुए हनुमान सिंह भाटी अब पुष्कर से भाजपा उम्मीदवार बनना चाहते हैं। यही वजह है कि भाटी ने पुष्कर विधानसभा क्षेत्र का दौरा शुरू कर दिया है। तीन जुलाई को गुरु पूर्णिमा पर पुष्कर के संतों से आशीर्वाद लिया तो 4 जुलाई को मुस्लिम बाहुल्य गगवाना, ऊंटड़ा आदि ग्रामीण क्षेत्रों में खास कर मुस्लिम मतदाताओं से संपर्क किया। 5 जुलाई को पुष्कर क्षेत्र के राजपूत समाज के प्रतिनिधियों की एक बैठक भी हो रही है। चूंकि पुष्कर विधानसभा क्षेत्र रूपनगढ़ तक फैला हुआ है, इसलिए भाटी लगातार दौरे कर रहे हैं। इधर दौरे हैं तो उधर भाजपा के बड़े नेताओं से मुलाकात का दौर भी जारी है। विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आबूरोड आने पर भाटी ने मुलाकात की। जोधपुर में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिल कर अपनी भावनाओं से अवगत करवाया। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी से लेकर अजमेर देहात के जिलाध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा तक से समर्थन और सहयोग मांगा है। भाजपा की सदस्यता देने वाली प्रदेश स्तरीय कमेटी के प्रमुख वासुदेव देवनानी को भी चुनाव लड़ने की इच्छा जता दी है। पुष्कर नगर पालिका के अध्यक्ष रहे कमल पाठक के माध्यम से स्थानीय भाजपा नेताओं से संपर्क साधा जा रहा है। चूंकि भाटी का प्रशासनिक कार्य काल ज्यादातर अजमेर में ही गुजरा है, अधिकांश राजनेता जानते हैं। भाटी का आवास भी माकड़वाली रोड पर ही है। भाटी अपने सद्व्यवहार के कारण लोकप्रिय हैं। आरएएस से पदोन्नत होकर भाटी जब आईएएस बने तो उन्हें जयपुर के संभागीय आयुक्त के पद पर काम करने का अवसर भी मिला। तभी उन्हें राजस्थान यूनिवर्सिटी के कुलपति पद का चार्ज भी मिला। तत्कालीन राज्यपाल कल्याण सिंह के निर्देश पर भाटी ने विद्यार्थियों की पैडिंग डिग्रियों को बनवाने का काम युद्धस्तर पर किया। यूनिवर्सिटी से जुड़े 600 कॉलेजों का रिकॉर्ड मंगवा कर एक वर्ष में 17 लाख डिग्रियां जारी की जो विश्व रिकॉर्ड बना। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए भाटी की तब देशभर में प्रशंसा हुई। भाटी को इस बात का संतोष है कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए उन्होंने जो लोकप्रियता हासिल की, उसकी वजह से आज उन्हें सभी का स्नेह मिल रहा है। भाटी का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का तेजी से विकास हो रहा है। राजस्थान में भाजपा की सरकार बनने पर विकास की गति और बढ़ जाएगी। यदि वे विधायक बनते हैं तो उनके प्रशासनिक अनुभवों का लाभ पुष्कर के लोगों को भी मिलेगा।