तीर्थ गुरु पुष्कर में पांच जुलाई से पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा शिव पुराण का वाचन शुरू हुआ। कथा का समापन 11 जुलाई को होगा। भीषण गर्मी और उमस के बाद भी कथा सुनने वालों में उत्साह है। कथा में पंडित मिश्रा ने ब्रह्माजी के अहंकार से लेकर भगवान शिव के बारे में जानकारियां दी। यज्ञ के समय ब्रह्माजी को मिले श्राप की कहानी भी सुनाई गई। इसके साथ ही पंडित मिश्रा ने शिव भक्ति करने वालों के साथ हुए चमत्कार के सबूत भी प्रस्तुत किए। देश में तेजी से लोकप्रिय हो रहे बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री लोगों का पर्चा बनाकर चमत्कार कर रहे हैं तो इसके उलट पंडित प्रदीप मिश्रा लोगों से पत्र प्राप्त कर चमत्कार होने की बात बताते हैं। राजस्थान के नागौर के डेगाना निवासी श्रीमती कैलाश कंवर (पत्नी पूरण सिंह राठौड़) ने पत्र लिखकर बताया कि विवाह के पांच वर्ष बाद भी संतान नहीं होने पर परिवार वाले ताने मारने लगे थे। डॉक्टरों के इलाज के बाद भी कोई मदद नहीं मिली। इसी दौरान आपकी शिवपुराण कथा से जो प्रेरणा मिली, उससे मैंने पशुपति व्रत किया और सफेद आंकड़े की जड़ भगवान शिव को समर्पित की। इससे मैं न केवल गर्भवती हुई बल्कि बिना ऑपरेशन के ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। जबकि डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कही थी। कैलाश कंवर का पत्र पढ़ने के बाद पंडित मिश्रा ने पूछा कि क्या कैलाश कंवर जी पुष्कर आई हैं, इस पर कैलाश कंवर ने हाथ उठाकर बताया कि वे अपनति और नवजात पुत्र के साथ मौजूद हैं। कैलाश कंवर को पुत्र के साथ मंच पर बुलाया और पंडित मिश्रा ने पुत्र को अपने हाथों में लेकर बताया कि यह शिव का प्रसाद है। लोगों ने इस चमत्कार पर तालियां बजाकर अभिनंदन किया।
कैंसर रोग भी ठीक: बीकानेर निवासी श्रीमती सोनी देवी ने अपने पत्र में पंडित मिश्रा को बताया कि कोरोना काल में पुत्र पवन के मुंह में रोग हो गया। डॉक्टरों ने जांच पड़ताल के बाद गले की गांठ में कैंसर बता दिया। आवाज भी चली गई। यही माना गया कि अब पवन की मृत्यु हो जाएगी, लेकिन तभी टीवी पर आपकी शिव पुराण कथा सुनी। शिव पूजा अर्चना से ही आज मेरा पुत्र स्वास्थ्य है। पुष्कर की कथा में मौजूदा सोना देवी ने अपने पुत्र के साथ हाथ हिला कर चमत्कार की पुष्टि की। सोना देवन ने कहा कि गुरु देव यह आपके चमत्कार की वजह से हुआ है। हमारा परिवार आपका जिंदगी भर ऋणी रहेगा। इसी प्रकार जयपुर रामगंज निवासी सुनील यादव की पत्नी लक्ष्मी यादव का पत्र पंडित मिश्रा ने पढ़ा। इस पत्र में बताया कि लक्ष्मी यादव के पेट में सूजन आने पर सोनोग्राफी करवाई तो पेट में गांठ होने का पता चला। जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों ने कैंसर रोग बता दिया। लेकिन गांठ निकालने के बाद भी रोग ठीक नहीं हुआ। इस पर शिवपुराण कथा सुनी और फिर भगवान शंकर की प्रतिमा पर प्रतिदिन बिल्व पत्र अर्पित किए। थोड़े ही दिनों में फायदा हुआ और अब डॉक्टरों का कहना है कि शरीर में कैंसर के कोई कीटाणु नहीं है। डॉक्टरों को भी आश्चर्य हो रहा है। अजमेर के नसीराबाद के नांदला गांव निवासी सत्यनारायण की पत्नी कमला देवी ने पंडित मिश्रा को पत्र लिखकर बताया कि कोरोना काल में उसके दांतों में बीमारी हो गई। दो वर्ष तक इलाज करवाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। तीन अक्टूबर 2022 को पहली बार मैंने शिवपुराण कथा सुनी। इसके बाद शिव की प्रतिमा पर प्रतिदिन जल चढ़ाया। सावन माह में बिल्व पत्र भी अर्पित किए। आज मेरा मुंह पूरी तरह ठीक है। कमला देवी भी अपने पति के साथ उपस्थित थे। इसी प्रकार चंडीगढ़ से आए एक दंपत्ति ने बताया कि उसका बेटा सोरायसिस रोग से पीड़ित हो गया। लंबा इलाज करवाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ। इस पर पशुपति नाथ का व्रत किया और अब उनका बेटा पूरी तरह स्वस्थ है। शिव भक्ति के चमत्कार के सबूत देने के साथ ही पंडित मिश्रा ने कहा कि एक लोटा जल सारी समस्याओं का हल ही शिवपुराण कथा का निष्कर्ष है।
प्रेत योनी:
मिश्रा ने कहा कि सनातन संस्कृति में यह माना जाता है कि पानी में डूबने, सांप के डसने और स्त्री के साथ मरने वाला व्यक्ति प्रेत योनी में जाता है। लेकिन यदि ऐसे व्यक्ति भी भगवान शिव की पूजा अर्चना करे तो योनी का परिवर्तन हो सकता है। राक्षस प्रवृत्ति:
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि पवित्र सरोवरों में जो व्यक्ति कपड़े धोते हैं और मुंह का झूटा पानी वापस सरोवर में डालते हैं वे राक्षस प्रवृत्ति के होते हैं। ब्रह्मा जी ने राक्षस ब्रज नाथ का इसलिए वध किया कि वह देवताओं के सरोवर के जल को दूषित करता था। उन्होंने कहा कि पुष्कर सरोवर उत्पत्ति तो स्वयं ब्रह्माजी ने की है। ऐसे में जो लोग पुष्कर सरोवर के जल को दूषित करते हैं वे पाप के भागीदार है। उन्होंने कहा कि पुष्कर सरोवर के जल की तो इतनी दिव्य शक्ति के इसके आचमन से ही सभी कष्टों का निवारण हो जाता है।
पांच रुपए का बिस्कुट:
शिव पुराण कथा स्थल के आसपास भोजन सामग्री के वितरण पर प्रतिबंध लगाए जाने के संबंध में तो पंडित मिश्रा ने कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि जो लोग पुष्कर आकर शिवपुराण कथा सुन रहे हैं, वे असली शिव भक्त हैं। जो व्यक्ति शिव भक्तों को पांच रुपए वाला बिस्कुट खिलाएगा उसे तीन माह बाद पचास हजार रुपए का फायदा होगा। उन्होंने कहा कि पुष्कर आए शिव भक्तों के लिए पानी की बोतल का भी इंतजाम किया जाए। उन्होंने माना कि इन दिनों भीषण गर्मी और उमस की वजह से कथा स्थल पर शिव भक्तों को भारी परेशानी हो रही है। लेकिन शिव भक्तों की भीड़ बताती है कि उत्साह में कोई कमी नहीं है। पंडित मिश्रा ने कन्या दान का भी धार्मिक महत्व बताते हुए कहा कि जो पिता अपनी पुत्री को स्कूल, कॉलेज और फिर अच्छी नौकरी के लिए बाहर भेजता है उस पुत्री की भी यह जिम्मेदारी होती है कि वह अपने पिता को विवाह के समय कन्या दान करने का अवसर प्रदान करें। पंडित मिश्रा की यह टिप्पणी बेटियों के अपनी मर्जी से विवाह करने और फिर विवाह समारोह आयोजित नहीं होने के संदर्भ में देखी गई। शिवपुराण कथा के पहले दिन पांच जुलाई को पुष्कर के मेला मैदान पर पचास हजार से भी ज्यादा लोग उपस्थित थे। चूंकि इतने लोगों के बैठने की व्यवस्था नहीं थी, इसलिए अब टेंट व्यवस्था को और विस्तार दिया गया है। कथा के आयोजकों ने अतिथि और विशिष्ट अतिथि वाले पास को भी रद्द कर दिया है। अब जो व्यक्ति पहले आएगा वह आगे बैठेगा। हालांकि पांच जुलाई की रात को कोई तेज बरसात की वजह से कथा स्थल पर पानी भर गया।
Author: cnindia
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