गोरखनाथ मंदिर में चेकिंग के दौरान पहले बिहार के व्यापारी के पास से .315 बोर का तमंचा और अब श्रावस्ती के भाजपा नेता की गाड़ी से .315 बोर के दो कारतूस मिलना यह महज संयोग है या फिर कोई गहरी साजिश। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जनता दर्शन में जा रहे श्रावस्ती के भाजपा नेता की गाड़ी के डैशबोर्ड में कारतूस मिलने से हड़कम्प मच गया। चेकिंग के दौरान .315 बोर के दो कारतूस बरामद होनेके बाद गाड़ी में सवार सभी पांच लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस और एलआईयूके साथ ही आईबी ने पूछताछ शुरू कर दी है। गोरखनाथ मंदिर में चेकिंग के दौरान पहले बिहार के व्यापारी के पास से .315 बोर का तमंचा और अब श्रावस्ती के भाजपा नेता की गाड़ी से .315 बोर के दो कारतूस मिलना यह महज संयोग हैया फिर कोई गहरी साजिश, खुफिया एजेंसियों ने इस पर जांच शुरू कर दी हैं। बिहार के व्यापारी के पास तमंचा मिलनेके बाद उसे तो आर्म्स एक्ट में गिरफ्तार किया गया था। वहीं भाजपा नेता की गाड़ी में कारतूस मिलने की जांच की जा रही है। हालांकि इसके बारे में पकड़े गए लोग कोई सटीक जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उनका कहना है कि उन्हें खुद भी नहीं पता यह कारतूस कैसे आया? वहीं 15 जुलाई को गोरखनाथ मंदिर में चेकिंग के दौरान पश्चिम चम्पारण (बिहार) के रहने वाले व्यापारी सुबोध मिश्रा के पास से .315 बोर का तमंचा बरामद हुआ था। गोरखनाथ पुलिस ने उनके खिलाफ आर्म्सएक्ट के तहत केस दर्ज उन्हें जेल भेज दिया है। जांच में पता चला कि सुबोध मिश्रा के बैग में साजिशन नहीं बल्कि गलती से यह तमंचा था। सुबोध के बेटे ने रेलवे स्टेशन पर एक बैग को उठा लिया था। बैग में ही तमंचा था जिसे वह देख नहीं पाए थे और चेकिंग के दौरान पकड़े गए थे। उस घटना के एक सप्ताह बाद ही कारतूस मिलने से सभी के कान खड़े हो गए हैं।