22/11/2024 10:09 am

www.cnindia.in

Search
Close this search box.

become an author

22/11/2024 10:09 am

Search
Close this search box.

मणिपुर में हो रही हिंसा का अडानी से भी एक कनेक्शन है!

2017 में किस तरह से कुकी उग्रवादी संगठनों की सहायता से बीजेपी मणिपुर में सरकार बना पाई थी ये हम आपको पिछली ख़बर में बता चुके हैं कुकी विद्रोहियों को 2020 तक बीजेपी से कोई समस्या नहीं थी लेकिन 2020 के भारत सरकार ने एक योजना बनाई यह थी पाम ऑयल की खेती की योजना और इसके लिए संभावित क्षेत्रों के रूप में मणिपुर के छह जिलों में 66,652 हेक्टेयर भूमि की पहचान की गई!जिस भूमि को पाम ऑयल के लिए खेती के लिए चिन्हित किया गया वो सारी भूमि मणिपुर की तलहटी की थी यानी कुकी विद्रोहीयो की भूमि!12 नवम्बर को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ऑयल पाम प्रोजेक्ट लॉन्च किया, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह राज्य में झूम और पोस्त की खेती का विकल्प हो सकता है।इसके साथ ही कार्पोरेट की एंट्री मणिपुर में हुई…..देश की सबसे बड़ी मल्टी एग्री बिजनस कंपनी गोदरेज एग्रोवेट ने कहा कि उसने एक केंद्रीय योजना के तहत पाम तेल की खेती के विकास और प्रचार के लिए असम, मणिपुर और त्रिपुरा सरकारों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।अडानी विल्मर, गोदरेज एग्रोवेट लिमिटेड, पतंजलि समूह की रुचि सोया इंडस्ट्रीज लिमिटेड, ये पाम ऑयल का इस्तेमाल कर देश में एडिबल ऑयल के सबसे बड़े खिलाड़ी बने हुए हैं!1999 में, गौतम अडानी और कुओक ख़ून होंग ने भारत में अडानी विल्मर ब्रांड की स्थापना की विल्मर सिंगापुर बेस्ड एग्री बिजनस कंपनी है जो ‘इंडोनेशिया, मलेशिया और पश्चिम अफ्रीका में पाम तेल के बागानों के साथ, पाम और लॉरिक तेलों का दुनिया का सबसे बड़ा प्रोसेसर और व्यापारी है।’आज अदानी विल्मर लिमिटेड तो विशाल भारतीय बाजार के लिए सामान बनाने के लिए हर दिन हजारों टन कच्चे पाम ऑयल को परिष्कृत करता है, 2014 तक अडानी की मुंद्रा रिफाइनरी एक दिन में 340 टन से अधिक पाम तेल का प्रसंस्करण कर रही थी, जिससे यह भारत की सबसे बड़ी रिफाइनरी बन गई; और 2015 तक अडानी विल्मर की देश भर में 17 रिफाइनरियाँ संचालित हो रही थीं। भारत में अडानी विल्मर का प्रमुख ब्रांड, ‘फॉर्च्यून’ है!फिलहाल यह सारा रिफाइन होने वाला पाम ऑयल इंडोनेशिया मलेशिया से आता है, अडानी को यदि भारत में ही पाम ऑयल मिल जाता है तो उसका लाभ दुगुना हो सकता है!2018 में अडानी ने प बंगाल के हल्दिया में देश की सबसे बड़ी पाम ऑयल रिफाइनरी बनाने की शुरुआत कर दी थी उसे अब सस्ते में कच्चा माल की जरूरत थी उसके लिए मोदी सरकार ने पाम ऑयल के देश में उत्पादन की योजना बनाई!लेकिन योजना या प्रोजेक्ट बना लेने से कुछ नही होता जमीन पर उतर कर काम करना पड़ता है!यहां एक बात समझना जरुरी है कि ताड़ की खेती एक मोनोकल्चर है जिसके कारण ताड़ के पेड़ ही विशाल परिदृश्य में विकसित होते हैं। पेड़ों के बीच 30 फीट का अंतर रखना पड़ता है और वे अपने साथ दूसरे पौधों को भी नहीं उगने देते।यानी बहुत बड़ी जमीन की जरूरत ताड़ की खेती के लिए पड़ती हैं और उत्तर पूर्व में ये जमीन काफी मात्रा में है मणिपुर में वो जमीनें कुकी के पास ही थी जिसे पाम ऑयल की खेती खाली कराना जरूरी था!मणिपुर में 2020 के बाद से जंगल में रहने वाले आदिवासी कुकी और नागा समुदायों को भूमि का स्वामित्व प्रस्तुत करने के लिए भारतीय वन अधिनियम, 1927 और मणिपुर वन नियम, 1971 के तहत कारण बताओ नोटिस देने की प्रक्रिया शुरू की गईं!मणिपुर की तलहटी में रहने वाले जनजातीय लोगों को उनकी पारंपरिक वन भूमि से इस आधार पर बेदखल किया जाने लगा कि ये “आरक्षित वन” हैं और जल्द ही मणिपुर में आग भड़क उठीमार्च 2023 इंडीजीनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईएलटीएफ) के नेतृत्व में आदिवासियों की भीड़ ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के कार्यक्रम से पहले बने मंच और एक जिम में आग लगा दी.आईएलटीएफ का दावा था कि मणिपुर की बीरेन सिंह सरकार ने हाल में रिजर्व फॉरेस्ट इलाके में रहने वाले किसानों और आदिवासियों को वहां से उजाड़ने का अभियान शुरू किया है मई की शुरुआत में इस हिंसा ने गृहयुद्ध का रुप ले लिया

cnindia
Author: cnindia

Leave a Comment

विज्ञापन

जरूर पढ़े

नवीनतम

Content Table