बाराबंकी। अखबार में एक छपे प्रधानमंत्री के सलाहकार परिषद के अध्यक्ष द्वारा लिखित लेख को लेकर कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष की अगुवाई में तमाम कांग्रेसियों ने बहुहस्ताक्षरित देश के मुख्य न्यायाधीश को संबोधित पत्र डीएम के प्रतिनिधि को सौपाकर कार्रवाई की मांग करते हुए प्रधानमंत्री के मुख्य सलाहकार को कार्यमुक्त करने की माग की है।
कांग्रेसियों ने मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में जिक्र करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष बिबेक देबरॉय ने अंग्रेजी दैनिक ‘‘द मिंट’’ के 15 अगस्त 2023 के संस्करण में मौजूदा संविधान की जगह नया संविधान लाने की वकालत करते हुए ‘‘देयर इज ए कैस फॉर बी द पीपल टू इबेस अ न्यू कॉस्टिट्यूटन’’ शीर्षक से लिखा लेख प्रकाशित हुआ है। जिसमें कांग्रेसियों को आरोप है कि यह लेख उनके सरकारी ओहदे के साथ प्रकाशित हुआ है इसलिए इसे सलाहकार परिषद के अध्यक्ष की व्यक्तिगत राय नहीं समझा जाना चाहिए और ना ही ये संविधान प्रदत अभिव्यक्ति के उनके अधिकार के तहत ही आता है। कांग्रेसियों का आरोप है कि इस कारण तकनीकी तौर पर ऐसी कोई वजह नहीं दिखती कि इसे केंद्र सरकार की राय न मानी जाए। जिस तरह लेख में सविधान के बुनियादी संरचना को खत्म कर देने की वकालत के साथ उसमें वर्णित समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक, न्याय, स्वतंत्रता और समानता जैसे शब्दों को हिकारत से संबोधित किया गया है वह न सिर्फ संविधान विरोधी है बल्कि इन्हीं मूल्यों पर आधारितः हमारे गौरवशाली स्वतंत्रता आंदोलन का भी अपमान है जो इस लेख को राजद्रोह के दायरे में लाता है। इसलिए यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के विरुद्ध होगा कि ऐसे व्यक्ति अपने पद पर बने रहें।
ज्ञापन देने वालों मे मुख्य रूप से कांग्रेस अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष मो. गुलजार अंसारी, सैय्यद अरशद अहमद, मो. नसीम, जिला उपाध्यक्ष अब्दुल, जिला प्रभारी देवेन्द्र प्रताप यादव, निसार अहमद, मो. हसीब, मो. दिलशाद सहित कई लोग मौजूद रहे।