बाराबंकी- स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि जयंती के उपलक्ष में बैद्यनाथ स्वास्थ्य दिवस का आयोजन घंटाघर स्थित बैद्यनाथ एजेंसी, मनोहर दास पदम कुमार जैन ( बैद्यनाथ भवन ) में उत्साह पूर्वक मनाया गया। इस विशेष अवसर पर कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और भगवान धन्वंतरि की विधिवत पूजा अर्चना के साथ हुई, जिसमें एजेंसी के प्रबंधक व वैद्यों ने आयुर्वेद द्वारा स्वास्थ्य लाभ के महत्व को साझा किया। इस वर्ष धन्वंतरि जयंती पर आधुनिक आयुर्वेदिक औषधियों पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा जिनका विकास वैज्ञानिक शोध और तकनीकी नवाचारों के साथ किया गया है। परंपरागत आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां में सुधार करके इन नई औषधियों ने हमारे स्वास्थ्य को स्थिर और सुरक्षित रूप से बढ़ाने में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। डॉ एस विशाल वर्मा ने पीपली की उपयोगिता के बारे में बोलते हुए बताया कि आजकल पीपली का उपयोग हर्बल चाय, सिरप और कैप्सूल में किया जा रहा है ताकि स्वसन प्रणाली को स्वस्थ रखा जा सके।
डॉ अम्बरीश वर्मा ने कहा कि वर्तमान समय में अश्वगंधा, तुलसी और हल्दी का नैनो प्रौद्योगिकी की आधारित रूप उपलब्ध है जो शरीर में तेजी से अवशोषित होता है और बीमारी से बचाव में अत्यंत सहायक है। डॉ यू डी मिश्रा ने बताया कि आधुनिक समय में तनाव, चिंता और मानसिक थकावट को दूर रखने के लिए शंखपुष्पी के प्रयोग को साझा किया। गुग्गुल की उपयोगिता बताते हुए डॉक्टर एनके चैधरी ने कहा कि यह वजन घटाने, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और जोड़ों के दर्द के लिए अत्यंत सहायक है। विद्वानों ध्वैद्यों ने जल चिकित्सा, प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म चिकित्सा, योग चिकित्सा पर भी अपने विचार व्यक्त किए। इस समारोह में जनपद के अनेक वैद्यों के साथ डॉ एस विशाल वर्मा, डॉ अम्बरीश वर्मा, डॉ एन के चैधरी, डॉ अनूप, वैद्य यू डी मिश्रा, डॉ नवदीप, डॉक्टर सुनिधि मिश्रा, डॉ दीक्षा, डॉ विक्रम, डॉ नागेंद्र सिंह, वैद्य सुरेश चंद, सेवक वैद्य, वैद्य संतराम, नीलू, देवांशी, वैभवी, शुभी, प्रासुक, सोनू, इंद्रजीत आदि लोग उपस्थित हुए। बैद्यनाथ से आए नवीन श्रीवास्तव, राजवीर सिंह और शर्मायु से राकेश गुप्ता ने वरिष्ठ वैद्यों को सम्मानित किया । समारोह के अंत में मनोहर दास पदम कुमार जैन प्रतिष्ठान के प्रबंधक द्वारा आए हुए सभी वैद्यों का स्वागत के साथ प्रसाद एवं औषधीय पौधे वितरित करते हुए शरद जैन ने आज के कार्यक्रम की सफलता पर धन्यवाद किया।