जौनपुर। रक्षाबन्धन के पर्व पर भी मिलावटी मिठाइयां और छेना, पनीर तथा खोवा खुले आम बिक रहा है लेकिन उसकी रोक थाम और कार्यवाही के लिए खाद्य और सुरक्षा विभाग आराम फरमाता दिखायी दे रहा है। सोमवार तक कोई छापेमारी नहीं की गयी जबकि अन्य जनपदों में खाद्य पदार्थो के ताबड़ तोड़ लिये जाने की खबर प्रकाष में आ रही है।
मिलावटी खाद्य पदार्थ ने स्वास्थ्य के लिए खतरा है बल्कि समाज के लिए के लिए घातक भी है। यह विभाग त्योहारों में सक्रिय दिखाई देता है और कुछ छोपमारी कर कोटा पूरा कर लेता है। मिठाई की दुकानोें पर नियमों का खुलेआम उल्लंघन होता है। मिठाई की वैधता तिथि लगाने का भी फरमान है लेकिन विभाग इसका पालन नहीं कराता।
अभी गत दिनों एक प्रसिद्ध इमरती की दुकान पर छापा पड़ा। बताया गया कि बिल इसे दुकान से ग्रहाकों को नहीं दिया जाता जबकि जिले भर में किसी भी मिठाई की दुकान पर बिल नहीं दिया जाता। जिला मुख्यालय पर मिठाई के दुकानदार लाखों रूपये टैक्स की चोरी करते है लेकि जांच पड़ताल नहीं होती और उपभोक्ताओं का दोहन किया जाता है।
ज्ञात हो कि त्योहार को लेकर बाजार में भीड़ बढ़ने लगी है। जरा सी संजीदगी नहीं दिखाई तो त्योहारी मांग को देखते हुए बाजार में मिलावटी खाद्य सामग्री भी बाजार में बड़ी मात्रा में आ गई है। जिसका प्रयोग सेहत के लिए काफी खराब है। पर्व में दूध, पनीर, खोया, चीनी, मैदा, मसाले आदि की खूब खपत होती है। कम दाम बताकर लोगों को मिलावट खोर रिझाने का काम करते हैं। मिलावट में हानिकारक तत्व सेहत को खराब करते हैं, लेकिन चंद रुपयों के लालच में इस काम से परहेज नहीं किया जाता है।
जानकार बताते हैं कि खोया में अरारोट, आलू, शकरकंद, स्टार्च, मैदा आदि की मिलावट कर बेचा जाता है। वहीं दूध मिलावट किए जाने वाले तत्वों में डिटरजेंट, रिफाइंड, मिल्क पाउडर जैसे हानिकारक तत्वों से फैट युक्त दूध बनाया जा रहा है। खोया व दूध जैसी खाद्य सामग्री खराब न हो उसके लिए हाइड्रोपराक्साइड व फार्मलीन जैसे घातक रसायन मिलाए जाते हैं। जिससे खोया लंबे समय तक खराब नहीं होता है। इसी तरह मिठाई में चांदी के वर्क के बजाए एल्युमिनियम का प्रयोग किया जाता है। मसालों में हल्दी, मिर्च, गर्म मसाला, धनिया आदि में मिलावट की जाती है।