मसौली, बाराबंकी। अंतराष्ट्रीय गर्भसमापन दिवस पर सामुदायिक स्वास्थ्य बड़ागांव में सहयोग संस्था के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 75 महिलाओं और पुरुषों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में प्रतिभागी महिलाओं का परिचय प्राप्त करते हुए संस्था से आयी अवंतिका ने बताया कि 28 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षित गर्भ समापन दिवस के रूप में मनाया जाता है जिसमे मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी को रोकने व असुरक्षित गर्भ समापन के प्रतिकूल परिणाम रोकने के प्रयासों के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखकर सन 1971 में चिकित्सा गर्भ समापन कानून लाया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ागांव के एचओ आसाराम चैधरी ने बताया कि आशा एनएन के माध्यम से सुरक्षित गर्भ समापन की जानकारी पहुंचाई जा रही है और लाज शर्म और कुरीतियों के कारण असुरक्षित तरीके अपनाए जा रहे हैं जिसके कारण उन्हें जटिलताओं के साथ जान जोखिम का खतरा उठाना पड़ता है साझा प्रयास नेटवर्किंग की ट्रेनिंग रिसर्च ऑफिसर रितु ने महिलाओं को सुरक्षित गर्भ समापन के विषय में विधिवत जानकारी दी। प्रसार संस्था के सचिव शिशुपाल सिंह ने बताया कि चिकित्सीय समापन अधिनियम के तहत सुरक्षित गर्म समापन 1971 से 20 सप्ताह तक कानूनन वैद्य हैं चिकित्सीय समापन अधिनियम 2021 के संशोधन से गर्भ समापन 20 सप्ताह से बढ़कर 24 सप्ताह की अवधि कर दी गई है किन किन परिस्थितियों के कारण गर्भ समापन कराया जा सकता है संस्था सचिव शिशुपाल ने प्रत्येक दंपतियों को परिवार नियोजन के विषय में विचार विमर्श करके ही अपना परिवार बढ़ाना चाहिए इस विषय पर चर्चा की एवं परिवार नियोजन के साधनों के बारे में जानकारी दी
सामुदायिक बड़ागांव की बीसीपीएम सुनीता पाल एच ई ओ आशाराम चैधरी बीपीएम मनीष श्रीवास्तव सहयोग से अवंतिका एवं देविका प्रसार संस्था के सचिव शिशुपाल रितु सपना काजल अवधेश ने कार्यक्रम ने सहभागिता निभाई।