पूरा मामला जिला मुख्यालय अमेठी,गौरीगंज तहसील का है जहां डीएम के नाक के नीचे लेखपालों द्वारा वर्षों तक अंश निर्धारण की प्रक्रिया को दबा कर रखा जा रहा अंश निर्धारण की प्रक्रिया को कराने के लिए दर दर भटक रहे किसान व बैनामेदार तहसील के उच्च अधिकारियों द्वारा मामले को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा ट्विटर पर राजस्व विभाग द्वारा कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही,बता दें कि जब भी कोई जमीन क्रेता जमीन ,विक्रेता द्वारा खरीदता है तो राजस्व संहिता 2006 के नियम के मुताबिक 30 दिन से 90 दिन के अंदर दाखिल ,खारिज की प्रक्रिया सम्पूर्ण कर देनी चाहिए लेकिन सारे नियमों को ताक पर रखकर सो रहा गौरीगंज तहसील!
रिपोर्ट – साहेब अली
Author: cnindia
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