-प्रधान ने आरोपों को खारिज करते हुए बताया विपक्षी के अधिवक्ता की कारस्तानी
-दहेज हत्या के मामले में सीओ सिटी कर रहे जांच
बाराबंकी। सामने आए अजीबो गरीब मामले में जहां एक तरह मुकदमें में नाम हटवाने व बढ़वाने में भ्रष्टाचार की कहीं ना कहीं बात निकल कर सामने आती है वहीं यह तथ्य भी सामने है कि कानूनी दांव पेंच में स्वयं को बचाने और अन्तहीन न्यायिक प्रक्रिया में न्याय ना मिल पाने में निर्दोष लोगों को भी अपना सबकुछ दांव पर स्वयं को बचाने के प्रयास में लगाना पड़ जा रहा है। तो सवाल सरकारी मुलाजिमों पर भी है जो जनता की सेवा के नाम पर लाखों रुपए पगार डकार जनता तो छोड़िए मीडिया के लिए भी सुलभ नहीं रहे अकर्मण्य जनप्रतिनिधियों के चलते।
सामने आए मामले में थाना जहांगीराबाद के ग्राम पिपरौली में एक विवाहिता के आत्मदाह करने के बाद वहां के निवासी राकेश गौतम, कालिका पत्नी राकेश गौतम व विवाहिता का पति मोहित गौतम के उपर दहेज हत्या का मामला विवाहिता के मैके वालों की तहरीर पर दर्ज हो गया। जिसके बाद पूरे परिवार के उपर विपत्तियों का पहाड़ टूट पड़ा। राकेश गौतम की पुत्री प्रिया गौतम के बताए अनुसार पिपरौली ग्राम प्रधान अमर सिंह वर्मा ने पीड़िता प्रिया गौतम से मिलकर कहा कि 45 हजार का खर्च आएगा माता और पिता का नाम हट जाएगा। माता पिता को बचाने के लिए प्रिया ने अपने गहने बेचकर प्रधान को 45 हजार रुपया दे दिया । जानकारी मिली है थाने का एक चर्चित सिपाही सिओ से नाम निकलवाने का ठेका लिया था। यह बात किसी ने सीओ सिटी को बता दिया कि आपके नाम से 45 हजार रुपया पीड़ित परिवार से लिया गया। इस पर सीओ ने जांच की तो मामला सही पाया गया।
उधर प्रिया ने भी आरोपी प्रधान के अनुसार दबाव में किसी के कहने पर पुलिस कप्तान के नाम संबोधित पत्र सीओ को देकर बताया की प्रधान पुराना जालसाज है। बहला फुसलाकर हमसे गहने बेचवा कर 45 हजार ठग लिया। प्रिया ने बताया कि जब पुलिस ने उसके पिता और भाई को जेल भेज दिया तो 3 सितंबर को पैसे मांगने प्रधान के घर पहुची तो प्रधान अमर सिंह की पत्नी ने जाती सूचक गालिया दी। पुलिस को बताया कि उसे जान का खतरा बना हुआ है।
वैसे इस संबंध ग्राम प्रधान का कहना है कि प्रिया नाबालिक है वह हमारे घर 3 सितंबर को आई थी बातचीत हुई। आरोपी ने यह भी कहा प्रिया को मुकदमा दर्ज कराने का कोई अधिकार ही नही है। यह भी कहा इस मुकदमे को चैलेंज करेंगे। वैसे दावा यह भी किया कि सब मैनेज हो गया है, सुलह हो जाएगी।
अगर प्रधान ने 45 हजार लेकर दिए तो आखिर किसको?
बड़ा सवाल जिस पर कोई जांच क्यों नही
जहांगीराबाद। गहने बेच कर माता पिता को बचाने की जद्दोजहद में लगी प्रिया प्रधान के आश्वासन पर भरोशा कर लिया और गरीब घर मे मौजूद सब गहने बेच डाले इससे इकठ्ठा 45 हजार रुपया प्रधान को दे दिया प्रिया के मुताबिक अगले दिन पुलिस ने पिता और भाई को जेल भेज दिया मां फरार हो गयी वह घर पर तन्हा है। सवाल उठता है कि आखिर यह पैसा गया कँहा लोगो की माने तो थाने में एक ऐसा सिपाही इस वक्त चर्चित है जो हर मर्ज की दवा लेकर घूमता है बस पैसा चाहिए यह सिपाही सभी हलकों को डील करता है यही वजह है थाने में जबरदस्त गुटबाजी का माहौल बना है। बताते है इसी सिपाही ने दो नाम निकलवाने का वादा किया था। लेकिन सीओ सिटी से अपराध से कोई समझौता नही किया और आरोपियो को जेल भेज दिया।
यह भी पता चला है कि प्रधान को अभी उस सिपाही ने पैसा वापस नही किया इससे प्रिया और प्रधान में बात बिगड़ गयी। प्रकरण में नया और बड़ा मोड़ आ सकता अगर गोपनीय जांच हो जाये तो कई बड़े इसकी जद में आ जायेंगे। फिलहाल मुकदमा दर्ज हो गया मुकदमा वादी प्रिया पर सुलह का भारी दबाव बनाया जा रहा है।