महिला की दुखी मां ने कंपनी के मालिक से की भावुक अपील
पुने न्यूज़: बहुत अधिक काम के चलते होने वाली मृत्यु के लिए जापान में एक शब्द कारोशी इस्तेमाल किया जाता है. अब ऐसा ही कुछ भारत में भी होने
लगा है.
पुने न्यूज़: कर्मचारियों की लाइफ में वर्क लाइफ बैलेंस बनाना कंपनी की जिम्मेदारी है. मगर, अब इस कदर प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है कि लोग हद से ज्यादा काम करने लगे हैं. छंटनी जैसे शब्द जो पहले सालों में कभी कभार सुनने को मिलते थे, अब रोजाना की बात हो चुकी है. कर्मचारी भी खुद को औरों से ज्यादा सुरक्षित रखने के लिए अब ज्यादा काम करने लगे हैं. अब तक हमने जापान में ज्यादा काम के चलते होने वाली मौतों के बारे में सुना था. इन्हें कारोशी कहा जाता है. अब भारत में भी ऐसी दर्दनाक मौतें होने लगी हैं. कुछ ऐसी ही परिस्थितियों की शिकार हुई है, ईवाई पुणे की एक 26 वर्षीय कर्मचारी. अपनी बच्ची की मौत से दुखी मां ने कंपनी के इंडिया हेड को एक भावुक ईमेल लिखकर ओवरवर्क का महिमामंडन करना बंद करने की अपील की है.
ईवाई पुणे में काम करती थीं एना सेबेस्टियन पेराइल
ईवाई पुणे को दिग्गज अकाउंटिंग कंपनियों में गिना जाता है. इस कंपनी में केरल की 26 वर्षीय चार्टर्ड अकउंटेंट एना सेबेस्टियन पेराइल काम किया करती थीं. उनकी हाल ही में मौत हो गई थी. अब उनकी मां अनीता ऑगस्टीन ने ईवाई पुणे के बॉस राजीव मेमानी को भावुक ईमेल लिखा है. इसमें उन्होंने कहा है कि कंपनी की ह्यूमन राइट्स वैल्यू असलियत से कोसों दूर है. कंपनी में कमरतोड़ काम को अच्छा बताया जाता है. इसके चलते उनकी बेटी तनाव में रहने लगी थी. आखिरकार ज्वॉइनिंग के 4 महीनों में ही उसकी मौत हो गई.
इसी साल मार्च में शुरू की थी अपनी पहली जॉब
एना सेबेस्टियन ने साल 2023 में सीए का एग्जाम क्लियर किया था. उन्होंने मार्च, 2024 में ही ईवाई पुणे को ज्वॉइन किया था. चूंकि, यह उनकी पहली जॉब थी तो वह कंपनी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही थीं. इससे उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ा. अनीता ऑगस्टीन ने लिखा है कि उसे नींद कम आती थी. वह तनाव में रहती थी. इसके बावजूद वह काम करती रही. उसे लगता था कि कठिन परिश्रम करके वह सफलता का रास्ता निकाल लेगी.
वीकेंड पर और देर रात तक भी करती थीं काम
एना सेबेस्टियन की मां ने दावा किया है कि कंपनी के कई कर्मचारी ज्यादा काम के चलते ईवाई पुणे की नौकरी से इस्तीफा भी दे चुके हैं. इसके बाद एना के बॉस ने उस पर और दबाव बना दिया. उसकी मीटिंग के समय बदल दिए जाते थे. अक्सर उसे ऑफिस का टाइम खत्म होते समय ही काम दिया जाता था. उनकी बेटी वीकेंड के अलावा घर से भी देर रात तक काम किया करती थी. कंपनी के ही अधिकारी उसका मजाक तक उड़ाते थे. एक बार तो उसे रात में ऐसा काम दिया गया, जिसकी डेडलाइन अगली सुबह थी. उसके विरोध करने पर कहा गया कि हम सभी ऐसा करते हैं.
अंतिम संस्कार में तक नहीं आए कंपनी के कर्मचारी
उन्होंने लिखा है कि मेरी बेटी फाइटर थी. हमने उसे नौकरी छोड़ने को बोला था लेकिन, वह तैयार नहीं हुई. वह भारी दबाव में भी काम करती रही. उसे मना करना नहीं आता था. उसके लिए यह शहर नया था. भाषा नई थी. उसने अपनी सारी सीमाएं लांघीं और आज वो हमारे बीच नहीं है. उसकी मौत 20 जुलाई, 2024 को हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि ईवाई पुणे के कर्मचारी उनकी बेटी के अंतिम संस्कार में तक शामिल नहीं हुए. मैंने उसके मैनेजरों तक पहुंचने की कोशिश की लेकिन, कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कंपनी को सलाह दी है कि अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ख्याल रखें. अभी तक इस मसले पर ईवाई पुणे की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है