बाराबंकी। उप निबंधक सहकारिता अयोध्या मण्डल द्वारा डिस्ट्रिक्ट को ऑपरेटिव बैंक बाराबंकी के तेरह में से बारह संचालक सदस्यों को एक साथ अयोग्य घोषित किए जाने संबंधी आदेश दिनांक-16 अगस्त 2024 को अनियमित व एकपक्षीय करार देते हुए, बैंक संचालकों की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने 17 सितंबर 2024 को पारित आदेश से, उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता अयोध्या मण्डल के आदेश दिनांक-16-अगस्त 2024 के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है।
यह जानकारी देते हुए बैंक संचालकों के अधिवक्ता फारूक अय्यूब एडवोकेट(हाईकोर्ट) ने बताया कि बैंक संचालकों के विरूद्ध साजिश करते हुए जिले में तैनात सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधक सहकारिता तथा बैंक में कार्यरत सचिव मुख्य कार्यपालक अधिकारी द्वारा वास्तविक तथ्यों से परे रिपोर्ट प्रेषित की गई, जिस पर उप आयुक्त एवं उप निबंधक सहकारिता अयोध्या मण्डल द्वारा एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए, बैंक के बारह संचालक सदस्यों को अयोग्य घोषित कर,आनन फानन में अंतरिम कमेटी का गठन और नैसर्गिक न्याय के तहत अपील का समुचित अवसर दिये बगैर तुरंत बैंक की नयी प्रबंध कमेटी की चुनाव प्रक्रिया भी प्रारंभ करवा दी गई।
ऐसे ही कई तथ्यों को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर न्याय की माँग की गई जिस पर संबंधित प्रतिपक्षी गणों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नोटिस निर्गत कर जवाब भी माँगा गया है।