जैदपुर, बाराबंकी। जिले की वन संपदा धीरे-धीरे विभागीय भ्रष्टाचार में कंक्रीट के रेगिस्तान में तब्दील होती जा रही है। जहां बागों के लिए विख्यात जनपद में राजधानी से लगे व जिला मुख्यालय के समीपवर्ती तमाम बागों का अस्तित्व समाप्त हो गया है, वहीं बीते वर्ष ही रामनगर, सतरिख मसौली क्षेत्र के कई बगीचों में 100-200 पेड़ जिसमें आम, सागौन के साथ-साथ नीम, महुआ, पीपल व बरगद तक के पेड़ों पर भी वन माफियाओं ने आरा चला पर्यावरण संरक्षण को भारी क्षति पहुंचाई वहीं विभागीय सिस्टम मात्र लीपापोती में ही मशरुफ रहा। मंगलवार रात भी सामने आयी जानकारी में वन माफियाओं ने एक दर्जन सागौन के पेड़ों पर आरा चला रातोरात लकड़ी भी उठा ले गए।
बताते चलें कि सफदरगंज थाना क्षेत्र में एक बार फिर हरियाली पर वन माफिया ने आरा चला डाला बस कीमती सागौन के एक दर्जन से अधिक पेड़ों को वन माफिया ने रातों-रात काट कर गायब कर दिया जिससे पुलिस विभाग और वन विभाग पर सवालियां निशान खड़े हो रहे हैं सफदरगंज थाना क्षेत्र के चक रहरामऊ गांव में वन विभाग और पुलिस विभाग की मिली भगत से वन माफिया हफीज जाबिर ने रात के अंधेरे में 1 दर्जन कीमती सागौन के पेड़ काट लिए और घटना को छिपाने के लिए वन माफिया द्वारा पेड़ों के अवशेष को जेसीबी मशीन के मदद से खोद कर हटाने का भरपूर प्रयास किया गया होना सामने आया है।
वही पूरे मामले की जानकारी जब वन क्षेत्राधिकारी सतीश मिश्रा से करने पर उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी हुई है टीम मौके पर भेजी गई है जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी ।