रावण दरबार में हनुमान का डंका, फूंक डाली सोने की लंका अशोक वाटिका में उत्पात मचाया, वैदेही को प्रभु मुद्रिका दिखाया गूंजा रावण का अट्टाहस,रावण का काफिला देखने मुख्य मार्ग और घर की छतो पर उमड़ी रही भीड़
बाराबंकी- जनपद की ऐतिहासिक रामलीला में सजीव लीला का मंचन देखने के लिए हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ी रही, धनुष यज्ञ मैदान से होते हुए नगर के बीचों बीच रावण का काफिला देखने के लिए सड़क के साथ-साथ घर के छतो पर भीड़ उमड़ी रही, रावण के गर्जन युक्त अट्टाहास से उसके सैनिक भी जोश में दिखाई दे रहे, रावण की विशाल एवम अदभुत सेना देख नगरवासी रोमांचित हो उठे, रामलीला मैदान पंहुचने पर लाखो की संख्या में आंखे सिर्फ उस दृश्य को निहार रही थी जब रावण का पुष्पक विमान मंद गति से मैदान में प्रवेश कर रहा।
लीला मंचन के अगले दृश्य में संपाती गिद्ध के उद्धार के बाद समुद्र के उसपार जाने का प्रस्ताव बनता है, प्रभु श्री राम माता सीता का पता लगाने के लिए दक्षिण दिशा में भगवान हनुमान, को अपनी मुद्रिका देकर भेज देते है, इस दौरान हनुमान जी अपने साथियों से कहते है जब तक मैं वापस नहीं आ जाता तब तक तुम सभी समुद्र तट पर बैठे रहो, हवाई मार्ग का प्रयोग कर हनुमान लंका पंहुचते है जहां माता सीता की खोज करते हुए वह अशोक वाटिका पंहुचते है।
प्रसंग के अगले दृश्य में अशोक वाटिका में रावण के द्वारा माता सीता को प्रताड़ना देते देखते है, तत्पश्चात हनुमान जी प्रभु मुद्रिका दिखाकर माता सीता को अपना परिचय देते है और उनका आशीष प्राप्त कर फल खाने की इच्छा जाहिर करते है, आदेश मिलने पर वह वाटिका के वृक्षों को तहस नहस कर डालते है, वाटिका के उजड़ने की सूचना मिलने पर रावण क्रोधित हो उठता है और पुत्र अक्षय कुमार को भेजता है, हनुमान के हाथो अक्षय कुमार के वध का समाचार सुनकर अहंकारी रावण अत्यंत क्रोधित हो उठता है और मेघनाथ को भेजता है, मेघनाथ नागपाश में बांधकर हनुमान जी को रावण के दरबार में लेकर आता है।
लीला मंचन में आगे रावण और हनुमान के बीच संवाद होता है, जिसके बाद रावण कहता है कि बंदर को उसकी पूछ से बड़ा लगाव होता है , अशोक वाटिका उजाड़ने और अक्षय कुमार का वध करने वाले की पूंछ में आग लगाने का आदेश पर हनुमान जी की पूंछ में आग लगा दी जाती है, जिसके बाद हनुमान जी अपने विशालकाय स्वरूप में आकर उछल कूद करते हुए पूरी स्वर्ण लंका को जला देते है, लीला मंचन के दौरान जय श्री राम के उद्घोष होते रहे, मौजूद भीड़ ने आकाश गुंजायमान कर दिया।
लीला में रावण के किरदार के रूप में इंटीरियर व्यापारी अमर सिंह , अक्षय कुमार के रूप में अभिषेक मिश्रा और हनुमान जी के रूप में राजीव पाठक ने सफल मंचन किया, लीला व्यास पंडित प्रमोद पाठक की आकंठ चैपाइयो ने दर्शको के कानो में भक्ति का प्रवाह जाग्रत कर दिया, पूरा मैदान खचाखच भरा रहा, पुलिस प्रशासन की चाक चैबंद व्यवस्था एवम मुस्तैदी की समिति ने जमकर सराहना की,लंका का निर्माण राजेश वर्मा, राकेश वर्मा और उनकी टीम ने किया, इस दौरान अनिल अग्रवाल, रामलखन, शिवकुमार, राजकुमार वर्मा, सरदार भूपेंद्र सिंह, अंकित गुप्ता गोलू, राजेश कृष्णा, राजू पटेल, संतोष जायसवाल,रामकुमार वर्मा, विनय सिंह, विक्रम सिंह, पंकज कंजू आदि लोग मौजूद रहे।