फतेहपुर, बाराबंकी- देश के प्रख्यात गणित गुरु मोहर सिंह सोलंकी ने कहा कि ज्ञान और संस्कार को परिमार्जित करके नई पीढ़ी को सौंपना शिक्षक मूल धर्म है। श्री सोलंकी शनिवार को फतेहपुर कस्बा स्थित वारिस चिल्ड्रेन एकेडमी इंटर कॉलेज में आयोजित वैदिक गणित पर आधारित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि वैदिक गणित के सूत्र गणित विषय के अध्ययन एवं गणनाओं को सहज बनाते हैं। कार्यशाला के प्रथम सत्र में प्रोफेसर मोहर सिंह ने वैदिक गणित के जादू से विद्यार्थियों को अचंभित कर दिया।एक से एक सटीक सूत्रों का उदाहरण देकर उन्होंने गणित की जटिलताओं को आसान बना दिया। द्वितीय सत्र में वैदिक गणित के पुरातन उपयोग,वर्तमान व भविष्य में इसकी आवश्यकता के बारे में विद्यार्थियों को अवगत कराया गया। उन्होंने विश्वप्रसिद्ध भारतीय गणितज्ञ दत्तात्रेय रामचंद्र कापरेकर द्वारा खोजी गई कापरेकर विधि को बारीकी से समझाया। कार्यशाला में वैदिक गणित में उपलब्ध शोध, नवाचार व नए आयामों की ओर भी ध्यान आकर्षित किया।
प्रबंधक विजय आनंद बाजपेई ने आभार व्यक्त करते हुए विद्यालय में वैदिक गणित के लिए पुस्तकालय खोले जाने की बात कही।प्रधानाचार्य सुमन शुक्ला ने अतिथियों का स्वागत किया।जिला विज्ञान समन्वयक आशीष पाठक ने वैदिक गणित की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर अनिल वर्मा,धीरेन्द्र शर्मा,गिरिंद्र मिश्रा,रीनू वर्मा,कुलदीप शर्मा,संदीप शर्मा, रामानंद वर्मा, नीरज श्रीवास्तव,आयुष्मति वर्मा,राजकमल सिंह, आशुतोष अवस्थी,अमित श्रीवास्तव,केपी वर्मा,खुशी सिंह,रेखा मिहिर,शुभम वर्मा,शिव कुमार वर्मा सहित मौजूद रहे।