बाराबंकी- भैया दुइज के अवसर पर आज धनोखर स्थित भगवान चित्रगुप्त मंदिर पर कायस्थों ने कलम-दवात की पूजा अर्चना किया। वहीं प्राचीन मंदिर चित्रगुप्त मंदिर पर भारी भीड़ उमड़ी।
हर साल भाई दूज के दिन चित्रगुप्त की पूजा का विधान है। इस दिन चित्रगुप्त के साथ कलम, दवात और बहीखाता की पूजा की जाती है। कहते हैं कि ऐसा करने सुख-समृद्धि, बुद्धि, विद्या और तरक्की का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भगवान चित्रगुप्त व्यक्ति के कर्मों का लेखा-जोखा लिखते हैं। चित्रगुप्त जी देवताओं के लेखपाल माने जाते हैं।
चित्रगुप्त पूजा के दिन सभी को कलम दवात की पूजा जरूर करनी चाहिए। कलम की पंचोमंत्राचार विधि से पूजा करके श्री चित्रगुप्त का स्मरण करें और उनसे हाथ जोड़कर उस कलम को आशीर्वाद रूप में प्राप्त करने की प्रार्थना करें। इस प्रकार पूजी गई कलम अमोघ यानि प्रभावी हो जाती है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, उस कलम से लिखा गया सही हो जाता है। पूजा की गई कलम से लिखने पर दैवीय सहायता प्राप्त होती है।
इस अवसर पर मंदिर पीठाधीश्वर रंजीत बहादुर श्रीवास्तव ने हवन पूजा के बाद आए हुए सभी कायस्थ परिवारों का स्वागत किया। जिसमें हरिहर श्रीवास्तव, विनय श्रीवास्तव, राजीव कुमार श्रीवास्तव, एड0 आलोक श्रीवास्तव, दिलीप श्रीवास्तव, सुशील श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव, आलोक टीचर, इन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव, संजय निगम, शरद श्रीवास्तव, मनमीत श्रीवास्तव, अखिलेश व अभिषेक श्रीवास्तव शामिल रहे।
इसी प्रकार प्राचीन चित्रगुप्त मंदिर निकट घंटाघर पर कलम दवात की पूजा सम्पन्न हुई जिसमें सुशील गुप्ता, सौरभ श्रीवास्तव, निखिल निगम, नितेश निगम, राकेश निगम, डा0 प्रकाश श्रीवास्तव, रचना श्रीवास्तव, आंसू श्रीवास्तव, शेखर श्रीवास्तव, दीपक गुप्ता, अनिल श्रीवास्तव आदि लोग शामिल रहे।