हैदरगढ़, बाराबंकी- मौसम के उतार चढ़ाव, कभी गर्मी कभी ठण्डी में व मच्छरों के बढ़ते प्रकोप में जनपद में फिर से संक्रामक रोग पैर पसारने लगे हैं। तो कागजों पर ही चल रही साफ-सफाई व्यवस्था ने रोगों से संक्रमित हो रहे मरीजों की संख्या दिन प्रति दिन कई गुना तेजी से बढ़ती जा रही है। जिसमें सर्दी जुखाम खांसी के साथ-साथ जानलेवा डेंगू-मलेरिया व मस्तिष्क ज्वर जैसी खतरनाक बीमारी का खतरा भी बेलगाम भ्रष्ट्राचारी अधिकारियों कर्मचारियों की असंवेदनशील होती जा रही कार्यशैली और इजाफा कर रही है।
बताते चलें की रहस्मय बुखार के मरीजों की संख्या की वृद्धि में तेजी आयी है। पिछले दिनों खरसतिया गाँव के मिश्रीलाल अवस्थी की बुखार से मौत हो गयी थी जिसकी खबर एक नामचीन अखबार में छपी थी और दावा किया गया था कि मौत डेंगू की वजह से हुई थी, लेकिन डेंगू से मौत होने की पुष्टि नहीं हो पाई थी। वहीं क्षेत्र के अलग अलग अस्पतालों में मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई है। इसमें रोकथाम के लिये विशेष अभियान के अंतर्गत सोमवार को हैदरगढ़ के खरसतिया गांव में विशेष कैंप लगाकर बुखार से पीड़ित मरीजों की जांच कर उनकी डेंगू और मलेरिया की जांच की गयी। साथ ही उनको जीवन रक्षक दवायें भी वितरित की गयी।
क्षेत्र के खरसतिया के मंशा देवी मंदिर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैदरगढ़ के अधीक्षक सौरभ शुक्ला के निर्देश पर आयोजित शिविर में डाॅ. जितेंद्र सोनी, फार्मासिस्ट डाॅ. अंबरीश कुमार और लैब टेक्नीशियन मनीष निगम की टीम ने राजेश अवस्थी, रमेश अवस्थी, रामदास, बृजेश कुमार, शिवकुमार शुक्ला, शुभम अवस्थी, ज्ञानवती, घनश्याम अवस्थी, मोहनी यादव, सीमा अवस्थी सहित लगभग 50 से ज्यादा मरीजों की जांच की गई। इस दौरान सबसे खास बात ये रही कि किसी भी बुखार से पीड़ित व्यक्ति की डेंगू और मलेरिया की जांच पाजिटिव नहीं आई।
ग्रामीणों को जागरूक करते हुए डाॅ जितेंद्र सोनी ने लोगों से डेंगू से बचने के उपचार भी बताते हुए कहा कि तेज बुखार होने पर झोलाछाप डाक्टर से दवा लेने से बचे।डाक्टर अंबरीश ने कहा कि लोग फुल आस्तीन के कपड़े पहनकर मच्छरों से बचें