हैदरगढ़, बाराबंकी- श्री राम की अयोध्या पुरी पावन को भी पावन करने वाली है। यहां की भूमि वंदनीय है । क्योंकि अयोध्या का संबंध उन तीर्थों से है जो जीवों को मुक्ति प्रदान करते है। उक्त बात मानस मर्मज्ञ पंडित अजय शास्त्री ने ब्रह्मलीन बाबा प्रेमदास कुटी 108 लालता दास जी के द्वारा आयोजित 10 दिवसीय मानस सम्मेलन- महायज्ञ कार्यक्रम के अंतिम दिन कहीं।
श्री शास्त्री ने बताया कि अयोध्या धाम में पापी से पापी व्यक्ति भी तर जाता है। उन्होंने कहा कि मथुरा,काशी,हरिद्वार सहित सात तीर्थो में ऐसा ही प्रताप है। लेकिन संतमत है कि अयोध्या पुरी का महत्व ही अलग है। क्योंकि मथुरा में बहने वाली यमुना भगवान सूर्य देव जी की पुत्री है।जो कि अयोध्या के सम्राट हैं। वहीं हरिद्वार में बहने वाली मां गंगा को अयोध्या के भागीरथी ही लाए थे। काशी नगरी में भी राम नाम का महत्व है। क्योंकि भगवान भोलेनाथ राम जी का सुमिरन किया करते हैं। अजय शास्त्री ने कहा कि सनातन धर्म राष्ट्र कल्याण शिक्षा देता है।हम पूरे विश्व में हर तरफ प्रसन्नता रहे इसके अनुयाई हैं। उन्होंने कहा कि कलयुग में राम नाम सुमिरन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। सम्मेलन में देवी प्रसाद पांडे ने बताया कि अहंकार त्याग कर जो भगवान की भक्ति करता है। उसका कल्याण होता है। अयोध्या से पधारे संत पंडित दीन बंधुजी महाराज ने कहा कि सनातन संस्कृति विश्व के कल्याण का संदेश देती है। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने सभी का कल्याण किया।
इस मौके पर प्रमुख रूप से राम तीरथ दास जी महाराज, अखिलेश्वर दास जी महाराज,पुजारी दास, तेज सिंह, सौरभ मिश्रा, दिलीप शुक्ला, ओमप्रकाश मौर्य , गोविन्द सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण कुमार द्विवेदी राजू भैया, राम फेर ,सच्चिदानंद मिश्रा ,श्याम सुंदर मिश्रा, दुःख हरण सिंह, रोहित कुमार मिश्रा, महेन्द्र मिश्र, अबिकेश सिंह, कुंवर बहादुर यादव, कृपा शंकर तिवारी, पवन चैरसिया सहित सैकड़ो लोग उपस्थित रहे।