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सरयू व घाघरा का ताण्डव से मचा हाहाकार

राहत व बचाव कार्य में पीड़ित जिम्मेदारों पर लगा रहे लापरवाही का आरोप

सिरौलीगौसपुर, बाराबंकी। बरसात एवं बाढ़ से सरयू नदी की तलहटी में बसे गांवों के लोग मुश्किल में हैं। अलर्ट के बाद भी प्रशासन द्वारा राहत एवं बचाव के कार्य में लापरवाही बरती जा रही है। बीते तीन चार दिनों से बाढ़ का पानी गांवों में घुसने के बाद भी प्रशासन द्वारा अब बाढ़ पीड़ितों के लिए खाने पीने की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे बाढ़ पीड़ित परेशान हैं। बाढ़ पीड़ितों के बच्चे सूखा चावल खाने को मचबूर है। तहसील सिरौलीगौसपुर क्षेत्र में बीहड़ सनावा तेलवारी सिरौलीगुंग सरदहा ढेकवा भौरीकोल बघौली पुरवा गोबरहा कहारन पुरवा सहित दर्जनों गांव बाढ़ के पानी से टापू में तब्दील हो गए हैं। बाढ़ पीड़ितों के सामने खाने पीने का संकट खड़ा हो गया है। बच्चों को उबला चावल और आलू ही किसी तरह नसीब हो रहा है। जानवरों के लिए चारे की भी गम्भीर समस्या उत्पन्न हो गई है। सरयू नदी का जलस्तर ख़तरे के निशान से 80 सेमी पार पहुंच गया है। अभी करीब एक फिट और पानी बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। बाढ़ पीड़ितों के आश्रय का एक मात्र साधन अलीनगर रानीमऊ तट बांध है जहां बाढ़ पीड़ित परिवार के साथ आशियाना बना कर रहते हैं। इस तट बांध पर भी जगह-जगह रेन कट और होल भारी बरसात के कारण बन गए हैं। जिससे इस बांध पर भी खतरे के बादल मंडराते नजर आ रहे हैं।  सोमवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का एसडीएम प्रिया सिंह ने तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार के साथ निरीक्षण किया। बाढ़ की भयावह तस्वीर देखकर एसडीएम के हांथ पांव फूल गए और वह हांफते हुए नजर आयी। एसडीएम ने बताया कि गांवों से बाढ़ पीड़ितों को बाहर निकाल कर ऊंचे स्थान पर बसाया जाएगा। खाने के लिए लंच पैकेट बंटवाए जाएंगे।

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Author: cnindia

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