लखनऊ – गोवंश तस्करों के लिए पूर्वांचल एक्सप्रेसवे आसान रास्ता बन गया है। इस रास्ते से आजमगढ़, गाजीपुर समेत बलिया होते हुए बिहार तक गोवंशों की तस्करी की जा रही है। गोवंशों की तस्करी को रोकने में जिले की पुलिस नाकाम है।दोस्तपुर थाना क्षेत्र के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर लोकनाथपुर गांव के पास बुधवार शाम गाजीपुर जा रहा गोवंशों से भरा ट्रक रेलिंग से टकरा गया था। पुलिस के पीछा करते वक्त यह दुर्घटना हुई थी। पुलिस के पहुंचने से पहले ही चालक भाग निकला। ट्रक में 29 गोवंश मिले थे, जिन्हें डोमापुर गोशाला भेजा गया था। ट्रक की चेचिस नंबर के आधार पर दोस्तपुर थाने में ट्रक मालिक गुलाम रसूल निवासी शिवचरंदे थाना महराजगंज, जिला महराजगंज के खिलाफ दरोगा बाजा यादव की तहरीर पर केस दर्ज किया गया है। धनपतगंज थाना क्षेत्र के टीकर गांव के पास आठ फरवरी की सुबह पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर ट्रक चालक को नींद की झपकी आने से ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया था। हादसे में ट्रक पर लदे पांच गोवंशों की मौके पर मौत हो गई, जबकि 13 गोवंश गंभीर रूप से जख्मी हो गए थे। ट्रक में 21 गोवंश लादे गए थे। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 340.8 किमी के रनवे पर वाहनों की जांच के लिए एक भी पुलिस चेक प्वाइंट नहीं है। रास्ते में पड़ने वाले छह टोल प्लाजा पर भी गाड़ियों की जांच के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। लखनऊ के गोसाईगंज से निकलकर गाजीपुर जिले तक जाने वाला यह एक्सप्रेसवे नौ जिलों से गुजरता है। जब हादसा होता है तभी पुलिस वहां पहुंचती है। यूपीडा के गश्ती दल का कार्य भी यातायात व्यवस्था व सड़क दुर्घटना तक सीमित है। उनके पास वाहनों की जांच का कोई अधिकार नहीं है। इस वजह से पशु तस्करी करना आसान है। टोल पर मौजूद यूपीडा के सुरक्षा अधिकारियों से ताल-मेल बनाकर चेकिंग की व्यवस्था की जाती है। सुरक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि यदि कोई संदिग्ध वाहन दिखे तो इसकी जानकारी तत्काल पुलिस को दें।