बेटियों की शिक्षा व सशक्तिकरण…. यह एक ऐसा मुद्दा है, जो दशको से शिक्षा ही एकमात्र ऐसा हथियार है, जो नारी विकास का रास्ता प्रशस्त कर सकता है। इसी कड़ी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की छात्राओं को मुफ्त शिक्षा देने के लिए केंद्र व राज्य सरकार की (Free Education for students) तरफ से कई तरह की स्कॉलरशिप योजनाएं चलाई जा रही हैं।
एक तरफ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों को जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए आर्थिक रूप से मदद कर रही है। वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार आए दिन बेटियों की शिक्षा व स्वास्थ्य हेतु एक के बाद एक विशेष योजनाएं चला रही है। लेकिन इन योजनाओं के प्रति जागरूक ना होने के कारण लोग इससे वंचित रह जाते हैं और आर्थिक कमजोरी बच्चों की शिक्षा में बाधा बन जाती है।
ऐसे में इस लेख के माध्यम से हम आपको राज्य व केंद्र सरकार की कुछ योजनाओं के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके तहत छात्र पूरी तरह मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रहे ये योजनाएं उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा समेत अलग अलग राज्यों की हैं। इन योजनाओं का लाभ केजी से पीजी तक उठाया जा सकता है।
सीबीएसई उड़ान योजना
देश की बेटियों के सपनों को उड़ान देने के लिए, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने सीबीएसई उड़ान योजना शुरू किया है। इस योजना के तहत कक्षा 12वीं में उत्तीर्ण होने वाले छात्राओं को इंजीनियरिंग या मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने हेतु बोर्ड स्कॉलरशिप उपलब्ध करवाता है। साथ ही महंगी किताबें व अन्य सुविधाएं भी बोर्ड की ओर से मुहैया करवाई जाती हैं। हालांकि इसके लिए छात्रों को कक्षा 12वीं के बाद एक टेस्ट क्वालीफाई करना होता है। इस योजना का उद्देश्य लड़कियों के भीतर लीडरशिप की भावना पैदा करना है तथा इन क्षेत्रों में लड़कियों की भागीदारी बढ़ाना है।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना
उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ ने लगतार दूसरी बार प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद, स्वास्थ्य व शिक्षा के क्षेत्र में एक के बाद एक फैसले लेना शुरु कर दिया है। एक तरफ जहां स्कूल चलो अभियान के तहत गांव के बच्चों को स्कूल के लिए प्रेरित किया जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत गरीब व आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की बेटियों को जन्म से लेकर स्नातक तक की पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। तीन लाख सालाना आय वाले परिवार में जन्मी बेटियों को राज्य सरकार कई किश्तों में 15000 रुपये देगी।
बेटियों के जन्म के बाद सरकार अभिभावक को 2000 रुपये देगी। टीकाकरण के बाद अभिभावक को 1000 रुपये दिया जाएगा। वहीं कक्षा 1 में एडमिशन के वक्त 2000 रुपये व कक्षा 6 में एडमिशन में एडमिशन लेने पर 2000 रुपये और कक्षा 9 में एडमिशन लेते वक्त 3000 हजार रुपये की एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी। जबकि 12वीं के बाद स्नातक की पढ़ाई हेतु 5000 रुपये की धनराशि दी जाएगी।
हरियाणा चिराग योजना
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार की तरफ से चिराग योजना चलाई जा रही है ताकि गरीब व पिछड़े वर्ग के परिवारों तक शिक्षा की लौ को पहुंचाया जा सके। इस योजना के तहत छात्र राज्य के सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में पहली से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। इसके अंतर्गत हरियाणा के कुल 381 प्राइवेट स्कूलों को शामिल किया गया है। लेकिन ध्यान रहे इसके लिए छात्र हरियाणा का मूल निवासी होना चाहिए। साथ ही अभिभावक की सालाना आय 1,80,000 से कम होनी चाहिए। इस योजना का लाभ उठाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इस योजना का शुभारंभ साल 2021 में किया गया।
केंद्रीय विद्यालय व प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा
कोरोना के भयावह प्रकोप में जिन छात्रों ने अपने माता पिता को खो दिया है, उनके लिए केंद्रीय विद्यालय ने मुफ्त शिक्षा की व्यवस्था की है। ऐसे छात्रों का एडमिशन वीवीएन श्रेणी के अंतर्गत किया जाएगा। साथ ही दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों में भी इसे लागू किया गया है। ऐसे छात्रों को ईडब्ल्यूएस श्रेणी में शामिल कर लिया गया है।
लाडली लक्ष्मी योजना
राज्य की बेटियों को शिक्षित व सशक्त बनाने के लिए इस योजना की शुरुआत मध्य प्रदेश सरकार ने साल 2007 में की थी। इस योजना के तहत बेटी के जन्म के बाद, पहले पांच सालों में लगातार 6-6 हजार रुपये लाडली लक्ष्मी योजना की निधि में जमा किए जाएंगे। वहीं कक्षा 6 में प्रवेश लेने पर बेटी को 2000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। कक्षा 9 में प्रवेश लेतेसमय 4 हजार, 11वीं में 6000 और 12वीं में प्रवेश के लिए 6000 दिए जाएंगे।
इसके बाद बेटी के 21 वर्ष पूर्ण होने पर राज्य सरकार 1 लाख रुपये का अंतिम भुगतान करेगी। ध्यान रहे लाडली लक्ष्मी योजना के लिए आवेदन करने के लिए मध्य प्रदेश की मूल निवासी होना अनिवार्य है।