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21/11/2024 5:44 pm

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स्वदेशी सजावटी झालरें में ना करंट का डर ना पानी में भीगने की टेंशन महिलाएं बना रही झालरें

बाराबंकी। राजधानी लखनऊ से लेकर बाराबंकी जिले के सुदूर ग्रामीण इलाकों में भारतीय इंजीनियर चंचल सिंह यादव के निर्देशन में ग्रामीण महिलाओं द्वारा सजावटी स्वदेशी झालर बनाई जा रही है। अलग अलग डिजाइनओं के हिसाब से ₹ 80 ₹ 90 व 100 रुपए और 150 रुपए तक सजावटी झालरें उपलब्ध है। इन भारतीय झालरों की कीमत चाइनीज झालरों के बराबर ही है, परंतु इनकी एक खूबी चाइनीज झालर से इन्हें बिल्कुल अलग करती है इन्हें खराब होने पर आसानी से रिपेयर किया जा सकता है और यह लंबे समय तक चलती है और इसको तैयार करने वाले इंजीनियर चंचल सिंह यादव बताते है कि उनके द्वारा तैयार स्वदेशी सजावटी झालरों में करंट लगने का भी कोई खतरा नहीं होता है और यह पानी में भी जलती रहती है। ऑटोमेटिक सोलर झालर भी मात्र ₹ 650 में उपलब्ध है,  जो रात दिन होने पर अपने आप जलती बुझती है। इंजीनियर चंचल सिंह यादव बताते है कि यह काम उन्होंने 2019 में अकेले शुरू किया था। आज लगभग 22 लोगों की टीम है जो ग्रामीण इलाकों की महिलाओं के साथ मिलकर झालरों को तैयार करवाती है फिर टेस्टिंग पैकेजिंग के बाद मार्केट में पहुँचाती है। चंचल कहते है कि उनकी करंट ना मारने वाली झालरों की डिमांड बिहार, पंजाब, झारखंड से भी आती है जिनकी वह लोग सप्लाई भी कर रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में झालरों को बनवाने के लिए हम लोग दो एनजीओ का भी सहयोग ले रहे हैं।उन्हें सरकारी संस्थाओं का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है।

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Author: cnindia

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