भारत के ज्यादातर इलाकों में पानी की कमी के चलते मिट्टी अपनी नमी खोती जा रही है। खेत सूखते जा रहे हैं। जिससे फसलों का उत्पादन घटता जा रहा है।
वहीं डीजल के बढ़ते दाम के चलते सभी किसान सिंचाई के पर्याप्त सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं। ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से सिंचाई के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। इसमें पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) भी है। इसके जरिए किसानों को सब्सिडी देकर सोलर पंप लगाने की सुविधा मुहैया कराई जाती है। ताकि किसानों को सिंचाई के लिए कठिनाइयों का सामना न करना पड़े।
जानिए क्या है प्रधानमंत्री कुसम योजना
मोदी सरकार ने साल 2019 में प्रधानमंत्री कुसुम योजना की शुरुआत की थी। यह योजना ऊर्जा मंत्रालय की तरफ से चलाई जा रही है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 30 फीसदी और राज्य सरकार की तरफ से 30 फीसदी सब्सिडी मुहैया कराई जाती है।
वहीं 30 फीसदी अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन मिल जाता है। बाकी 10 फीसदी पैसे लगाना होता है।
इस योजना से किसानों को सबसे बड़ा फायदा यह है कि बिजली या डीजल का खर्च नहीं आता। सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप से सिंचाई का काम हो जाता है।
इससे बिजली पर निर्भरता कम होती ही है। इसके साथ ही कृषि लागत में भी काफी हद तक बचत होती है।
बिजली बेचकर मुनाफा कमाएं किसान सोलर पंप का उपयोग खेतों की सिंचाई के अलावा बिजली उत्पादन में भी कर सकते हैं। इस योजना के जरिए बिजली या डीजल से चलने वाले सिंचाई पंप को सोलर एनर्जी से चलने वाले पंप में बदला जाता है।
सोलर पैनल से पैदा की जाने वाली बिजली का इस्तेमाल पहले अपने सिंचाई के काम में करेंगे। उसके अलावा जो बिजली अतिरिक्त बचेगी। उसे बिजली वितरण कंपनियों को बेच सकते हैं। अगर आपके पास 4 से 5 एकड़ जमीन है तो सालाना काफी मात्रा में बिजली उत्पादन कर सकते हैं और आसानी से लाखों रुपये कमा सकते हैं।
जानिए कैसे करें अप्लाई
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लिए राज्यों की अलग अलग आधिकारिक वेबसाइट जारी की गयी है। अगर आप इस योजना का फायदा उठाना चाहते हैं तो अपने राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा। इस योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए https://mnre.gov.in/ पर विजिट कर सकते हैं।
इन डॉक्यूमेंट्स की होगी जरूरत
कुसुम योजना के तहत सोलर पंप लगवाने के लिए किसानों कुछ डॉक्यूमेंट्स जमा करना पड़ता है। किसानों को अपना
आधार कार्ड,
राशन कार्ड,
आधार से लिंक मोबाइल नंबर,
बैंक पासबुक की कॉपी,
पासपोर्ट साइज फोटो
और किसानों को अपनी खेती से जुड़े डाक्यूमेंट्स
की जरूरत पड़ेगी।