एक महिला IAS अधिकारी ने एक महीना पहले परेशान और धमकी देने को लेकर केस दर्ज कराया था. इस मामले में जांच की गयी जिसके बाद जो बात सामने आयी है वो हैरान कर देने वाली है. दिल्ली पुलिस ने जब मामले को लेकर आंतरिक जांच की, तो पाया कि जिस फोन नंबर से उक्त महिला अधिकारी को परेशान किया जा रहा था, वह किसी और का नहीं बल्कि उसके खुद के किसी अधिकारी का नंबर है. जांच में पाया गया कि नंबर एक IPS अधिकारी का है.
अक्टूबर में ही दर्ज किया गया था केस
18 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस ने मामले को लेकर केस दर्ज किया था. भारतीय दंड संहिता की धारा 507 (गुमनाम द्वारा आपराधिक धमकी) और 509 (शब्द, हावभाव या किसी महिला की मर्यादा का अपमान करने का इरादा) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की प्रासंगिक धारा के तहत आईएएस अधिकारी से शिकायत दर्ज करायी थी. केस दर्ज करते हुए बताया गया कि व्हाट्सएप कॉल पर एक व्यक्ति के द्वारा लगातार धमकी दी जा रही है.
कैसे जांच की पुलिस ने
महिला अधिकारी ने बताया कि जब सामने वाले से मैंने कहा कि पुलिस में मैं शिकायत दर्ज करवाऊंगी. तो उसने जवाब दिया कि उसने नकली दस्तावेजों के सहारे सिम कार्ड लिया है. पुलिस उसे ट्रेस नहीं कर पाएगी. शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद, पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत एक मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज किया. इसके बाद पुलिस ने आईपीएस अधिकारी की कथित संलिप्तता की जांच शुरू की और फोन नंबर के मालिक को मध्य दिल्ली इलाके में ट्रेस किया.
जांच में एक महिला सामने आयी
जांच के दौरान एक महिला सामने आयी है जिसने बताया कि उसने अपनी आईडी पर एक नंबर खरीदा लेकिन एक परिचित को दे दिया था जो वर्तमान में दिल्ली में मौजूद नहीं है. कॉल डिटेल रिकॉर्ड और इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड की मदद से पुलिस ने पाया कि यह नंबर 18 अगस्त को एक्टिव हुआ था. इस नंबर से कई अन्य कॉल भी किये गये थे. इसके बाद पुलिस ने कॉल रिसीव करने वाले कई लोगों से संपर्क किया, ताकि वे अपना बयान दर्ज कर सकें. उपरोक्त जानकारी एक अधिकारी ने दी है.
आईएएस अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से मुलाकात की
पुलिस ने एक अन्य महिला का बयान दर्ज किया है, जिसे उसी नंबर से कॉल किया गया था और उसने भी दावा किया था कि कॉलर आईपीएस अधिकारी था. एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने यह भी पाया कि आईपीएस अधिकारी ने उसी फोन में अपने नाम से पंजीकृत एक सिम कार्ड का इस्तेमाल किया था. खबरों की मानें तो आईएएस अधिकारी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त से मुलाकात की और उन्हें मामले की जानकारी दी.
अभी भी जांच जारी
मामले के जांच अधिकारी ने साक्ष्य एकत्र करने के बाद, दिल्ली पुलिस प्रमुख को एक पत्र लिखने का फैसला किया है. ऐसा इसलिए ताकि आईपीएस अधिकारी के सीडीआर की जांच की जा सके. केस की जांच कर रहे आईओ ने दिल्ली के मुख्य सचिव को आईएएस अधिकारी की सीडीआर को लेकर पत्र लिखा है. अभी मामले की जांच जारी है.