बीएसए प्रयागराज प्रवीण तिवारी के कारनामों की फेहरिस्त इतनी लम्बी है कि ख़त्म होने का नाम ही नहीं लेती अब जो हम आपको बताने जा रहे हैं वो ये है कि जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता सुनीता चौधरी को कार्यमुक्त न करने का कारण क्या है जबकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद ने 23 अगस्त को ही मैडम को कार्यमुक्त करने संबंधी आदेश जारी कर रखा है। जबकि समान प्रकरण में जिला समन्वयक प्रशिक्षण विनोद मिश्रा को महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरण आनंद के 12 दिसंबर के पत्र के क्रम में अगले ही दिन 13 दिसंबर को ही बीएसए साहब ने रिलीव कर दिया पर मैडम को नहीं क्यों??? क्योंकि जिलें के अभी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में चल रहा गड़बड़ झाला यानि आने वाले फंड को आखिर मैनेज कौन करेगा और बीएसए साहब का हिस्सा उन तक कौन पहुँचायेगा क्योंकि सुनने में आ रहा है कि मैडम को इस काम में उन्होंने माहिर कर दिया है और जब तक की इनके मुताबिक ऐसा करने वाला कोई इनको नहीं मिल जाता तब तक फिलहाल मैडम को रिलीव नहीं किया जा रहा हालांकि सुनीता चौधरी से बात हुई तो उनका कहना है कि मैं प्रमोशन के लिए रुकी हूं और आठ दस दिन में ही मेरा प्रमोशन होना है तो मैं जाऊंगी अब सवाल यह उठता है कि अगर मैडम प्रमोशन के लिए रुकी हुई है तो फिर यह तो उनको उनके किये का परिणाम मिलने वाला है और अगर ऐसा होता तो फिर महानिदेशक द्वारा उनको कार्य मुक्ति का पत्र क्यों भेजा जाता बीएसए साहब उनको इस मामले में उनको लगातार सहयोग कर रहे हैं यहाँ तक अपने आलाधिकारियों के आदेश को भी अगूंठा दिखा रहे हैं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा भले उनके चाचा ना हो लेकिन इनका आलाकमान कोई ना कोई तो जरूर है जिसके दम पर यह लगातार मनमानियां करते जा रहे हैं और आलाधिकारीगण देखने को मजबूर हैं जाहिर है कि जो व्यक्ति अपने जन्मदिन के लिए ₹500 चंदा वसूल कर सकता है वह भला कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में आने वाले फंड का बंदरबांट कैसे करता होगा? यह सोचने वाली बात है और इसका लेखा-जोखा निकाला जाएगा तो यह बात भी साफ हो जाएगी क्योंकि मैडम संबंधित सभी फाइलों को तेजी से निबटा रही हैं ताकि दूसरा जो भी इस कुर्सी पर आये तो इनकी काली करतूत न जान पाए और इनके कारनामे का भांडा न फूट जाये