जिलाधिकारी ने गोवंश स्थल के निरीक्षण के दौरान की डीपीआरओ की सराहना
सुल्तानपुर-हैंडपंपों के रिबोर के पश्चात निकलने वाली निष्प्रयोज्य जीआई पाइपों से अब बनेगें गोवंश आश्रम स्थल के शेड। डीपीआरओ की इस नई तकनीक से अब हो सकेगी शेड निर्माण में लगभग 60 प्रतिशत तक की बचत।जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने गौवंश आश्रय स्थल के निरीक्षण के दौरान डीपीआरओ के तकनीक की सराहना की।
आज सुल्तानपुर के भदैयाँ विकास खण्ड के सौराई ग्राम पंचायत में बने गौवंश आश्रय स्थल का जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उनके साथ मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक,जिला पंचायत राज अधिकारी आर.के.भारती सहित कई प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।दरअसल सौराई में बना गौवंश आश्रय स्थल पहला ऐसा स्थल है जहाँ पर निष्प्रयोज्य जीआई पाइप से शेड का निर्माण किया गया है।निष्प्रयोज्य जीआई पाइप से शेड बनने की वजह से इसकी लागत में 60 प्रतिशत की बचत हुई। अब यह तकनीक जिला प्रशासन पूरे जिले में भविष्य में बनने वाले गौवंश आश्रय स्थल के शेड निर्माण एवं मिड-डे-मील बनाने के लिए बनाए जाने वाले किफायती शेड के निर्माण में प्रयोग करने की रणनीति पर कार्य करने का मन बना चुका है।निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी रवीश गुप्ता ने खास बातचीत में बताया कि निष्प्रयोज्य जीआई पाइप से शेड निर्माण किए जाने की तकनीकी जिले के डीपीआरओ आर.के.भारती की है।अब उनकी यह तकनीक पूरे जिले में जहाँ-कहीं भी शेड निर्माण होना होगा वहाँ अब निष्प्रयोज्य जीआई पाइप से ही शेड का निर्माण किया जायेगा क्योंकि निष्प्रयोज्य जीआई पाइप से शेड के निर्माण में एक तो लगभग 60 प्रतिशत के आसपास की बचत तो होगी ही साथ जिन हैंडपंपों को रिबोर किया जाता था उनसे रिबोर के दौरान निकलने वाली निष्प्रयोज्य जीआई पाइपों का सदुपयोग हो सकेगा जिससे एक बड़ी बचत होगी।