रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से केवाईसी को लेकर बैंकों के लिए नया आदेश जारी किया है. आरबीआई की तरफ से कहा गया कि यदि आप एक बार केवाईसी (KYC) करा चुके हैं तो री-केवाईसी कराने के लिए आपको फिर से ब्रांच जाने की जरूरत नहीं है. केंद्रीय बैंक की तरफ से कहा गया कि ऐसी स्थिति में ग्राहक की तरफ से किया गया सेल्फ डिक्लेरेशन काफी होगा. इसी तरह से खाताधारक के पते आदि को भी अपडेट किया जा सकता है.
दो महीने के अंदर बैंक सत्यापन करेगा
आरबीआई की तरफ से बैंकों से कहा गया है कि ग्राहक के री- केवाईसी के लिए ग्राहक को बैंक का चक्कर लगाना जरूरी नहीं है. आदेश में कहा गया कि खाताधारक को इस स्थिति में केवाईसी की सुविधा ईमेल- आईडी, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर, एटीएम, डिजिटल चैनल के जरिये प्रदान करें. आरबीआई की तरफ से कहा गया कि यदि पते में बदलाव होता है तो ग्राहक किसी भी माध्यम से अपने अपडेट पते को बैंक के सामने प्रस्तुत कर सकता है. इसके दो महीने के अंदर बैंक की तरफ से घोषित पते का सत्यापन किया जाएगा.
मामलों में फिर शुरू करना पड़ता है केवाईसी प्रोसेस
रिजर्व बैंक ने आगे कहा कि चूंकि बैंकों को टाइम टू टाइम अपने रिकॉर्ड को अप-टू-डेट करना जरूरी होता है. इसलिए कुछ मामलों में फिर से केवाईसी प्रोसेस शुरू करना पड़ सकता है. ऐसा केवल उन ही मामलों में होतो है जहां दस्तावेजों की लिस्ट उपलब्ध नहीं है या केवाईसी के लिए जरूरी कागजातों की वैधता खत्म हो गई है. इस तरह के मामलों में बैंक को ग्राहक की तरफ से पेश किया गया केवाईसी दस्तावेज प्राप्त करने की जरूरत होती है.