सुल्तानपुर-जिले के विधुत महकमे में तैनात कर्मचारियों के भरष्टाचार की पोल दर परत दर रोजाना खुलती जा रही है।अब इन्हें विधुत महकमे का कर्मचारी कहे या कुबेर की वंशज,ये समझ नही आता।विधुत विभाग में जिधर भी नजर दौड़ाओ वहां से भरष्टाचार की दुर्गन्ध महसूस की जा सकती है।अब इस विभाग से एक और ऐसा मामला सामने आया कि सुनकर कानो को तो एक बार विश्वास नही होता।लेकिन शिकायतकर्ता के शिकायती पत्र और साक्ष्यों पर गौर करे तो आँखों से मामले को नजर अन्दाज भी नही किया जा सकता है।अब विधुत विभाग से कुबेर के नए वंशज के रूप में निकलकर सामने आए है अवर अभियंता व निविदा कर्मी जो लाखो के भरष्टाचारी होने के अंदेशे की लिस्ट में अपना नाम दर्ज करवाते है।शिकायतकर्ता की माने तो 33/11 के वी के भटमई उपकेन्द्र पर एक निविदा कर्मी ने लाखों का भरष्टाचार किया है। निविदा कर्मी पर शिकायतकर्ता ने आरोप लगाते हुए कहा है कि सन 2019 से नौकरी में आए निविदा कर्मी ने भरष्टाचार करते हुए लाखो रुपये कमाए है वही शिकायतकर्ता ने निविदा कर्मी के 2019 से अब तक विधुत विभाग से वेतन के रूप में 3 लाख 21 हजार 567 रुपये कमाने की बात कही है।जबकि पैतृक निवास की बाते करे तो ये भूखण्ड खाता संख्या 00978,00218,00812,00919,01137,00994,00811,01000 व 01065 समिलात भूखंड में हिस्सेदार है शिकायतकर्ता की माने तो बनमई ग्राम सभा मे निविदा कर्मी ने अपनी संपत्ति को बेचने के दौरान स्टाम्प टैक्स शुल्क में चोरी करते हुए उसे बेचा था,वही दूसरी तरफ निविदा कर्मी ने शहर में अपनी पत्नी के नाम 2 बिसवा जमीन भी खरीदी और निविदा कर्मी के पैतृक निवास पर एक आलीशान मकान का निर्माण कार्य जोरो पर है।जिसमें अभी तक लगभग 25 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया जा रहा है,अभी तक ये मकान निर्माणाधीन ही है और इसमें कितने लाख और लगेंगे ये कह पाना मुश्किल है।वही अब बात करते है उसी उपकेन्द्र यानी 33/11 केवी भटमई पर तैनात अवर अभियंता यानी जे ई साहब की जब साथ मे काम करने वाले कर्मचारी यानी छोटे मिया का आलम तो आपने पढ़ा ही है ऊपर,तो अंदाजा लगाइए बड़े मिया ने कितना कमाल किया होगा,शिकायतकर्ता की माने तो भटमई उपकेन्द्र पर तैनात अवर अभियंता का विधुत विभाग में सफर सुल्तानपुर जिले में टीजी2 पद से शुरू हुआ और प्रमोशन पाकर यही से जे ई बने।इन पर मानक के विपरीत विधुत संयोजन,कामर्शियल उपभोक्ताओं को मानक के विपरीत लाभ सहित फर्जी विधुत लाइनो के संचालन करवाने का आरोप लगा है बता दे कि अवर अभियंता वैसे तो पड़ोसी जनपद आयोध्या जिले के रहने वाले है।आयोध्या जनपद में अपने करीबियों/रिश्तेदारों व पत्नी के नाम कई बेनामी संपत्तियों को अर्जित करने का भी आरोप है ये वही अवर अभियंता है जिन्होंने ने अपने रिश्तेदार को विधुत विभाग में नौकरी दिलवाई और खुद के उपकेन्द्र पर पोस्टिंग करवाई,विभाग से खाते में वेतन भी खारिज करवाया,लेकिन रिश्तेदार से कभी ड्यूटी ना करवाई खैर पूरे मामले में शिकायतकर्ता की एक और दिलचस्प बात निकलकर सामने आती है।शिकायतकर्ता ने कहा है कि निविदा कर्मी के कोई रिश्तेदार इसी जिले में जिला प्रशासन में एक बड़े पद तैनात है।जो जांच को प्रभावित कर सकते है अब देखने वाली बात होगी।जहा योगी सरकार भरष्टाचारीयो व अवैध रूप से कमाई हुई संपत्तियों की जांच करवाकर ताबड़तोड़ कार्यवाही कर रही है।वही इस विधुत महकमे में किस तरह की टीम जांच कर पूरे मामले में कार्यवाही करती है?।