गाजियाबाद लोनी सरकारी राशन की दुकान से मिलने वाले चावल को लोगों ने औने पौने दाम में बेच रहे हैं अब एक नया धंधा प्रतिदिन देखने को मिल रहा है की सरकारी राशन की दुकान से मिलने वाले चावल को खरीदने के लिए ठेली लेकर गली गली में यह व्यापारी घूम रहे हैं लोग राशन की दुकान से मिले हुए चावल तथा गेहूं को ओने पौने दामों में बेच रहे हैं राशन की दुकान का चावल ₹16 किलो थैली वाले व्यापारी खरीद रहे तथा गेहूं भी 10 से ₹15 किलो खरीद रहे हैं समझ में नहीं आ रहा है कि लोग आखिर इस चावल को बेच क्यों रहे हैं प्रश्न यह है कि अगर यह कमजोर है पिछड़े हैं बेरोजगार है असहाय हैं इनके पास खाने के लिए राशन नहीं है कमाई का कोई जरिया नहीं है इसलिए सरकार इनकी मदद को फ्री में राशन दे रही है और यह लोग एक लाख की स्कूटी बीस हजार का स्मार्ट मोबाइल फोन लेकर राशन लेने जाते हैं तो यह लोग दो चार रुपए किलो मिलने वाले राशन को क्या समझते होंगे इन्हें तो 60 –70 रुपए किलो के भाव से मिलने वाले बासमती चावल को खाने की आदत है
तो यह सरकारी राशन की दुकान से फ्री में मिलने वाले चावल को क्यों खाएंगे यह चावल ओने पौने दाम में गली-गली में घूमने वाले व्यापारियों को बेच देते हैं यह व्यापारी उससे दूनी कीमत में 25 से ₹30 किलो में इस चावल को मोमोज चाऊमीन एवं अनेकों चावल से बनने वाली प्रोडक्ट को बनाने वाली फैक्ट्रियों को बेच देते हैं इसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ता है क्योंकि आज देश में कोई ऐसा व्यक्ति नहीं है जो टैक्स ना देता हो अगर उसने एक टूथब्रश और टूथपेस्ट खरीदा है तो उसे टैक्स उसी में इंक्लूड करके देना पड़ता है इस तरह टैक्स का पैसा सरकार के पास जाता है और सरकार इस पैसे से महंगे भाव में किसानों से चावल गेहूं खरीद ती है खरीदने के बाद में भी इसके ढुलाई और रखरखाव में भी बहुत सारा पैसा खर्च होता है जो आम आदमी की जेब से निकला हुआ पैसा होता है और सरकार कुछ लोगों को राशन कार्ड उपलब्ध कराकर फ्री में राशन दे रही है इसमें अधिकारी कर्मचारी और संबंधित विभाग भी अपने जेब गर्म कर लेता है उसके बाद यह राशन के कुपात्र उसको ओने पौने दाम में बेच कर उद्योगपतियों फैक्ट्री के मालिकों बड़े व्यापारियों को तगड़ा मुनाफा कमाने के लिए मौका प्रदान कर रहे हैं जबकि यह वैधानिक कार्य नहीं है इस पर सरकार और प्रशासन को ध्यान देते हुए ऐसे खरीददार व्यापारियों के ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए तथा ऐसे लोगों को चिन्हित करना चाहिए उनका पता लगाकर उनके कार्ड निरस्त कर देना चाहिए