जैसा की आपको ज्ञात है भारत में सेवा और बिक्री के विभिन्न प्रकार के सभी कानूनों को खत्म एकीकृत कानून GST बनाया जाकर १ जुलाई २०१७ से लागू किया गया।
इस कानून के अंतर्गत यदि किसी व्यापारी का 40 लाख रुपये (ट्रेडर्स) व 20 लाख रुपये (सेवा प्रदाता) से ऊपर का टर्नओवर है, तब पंजीयन कराना आवश्यक है। किंतु कम टर्नओवर वाले व्यापारियों के लिए ये ऐच्छिक रखा गया है ।
किंतु क्या आपको पता है की इस प्रकार जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी को दुर्घटना बीमा भी मिलता है
जी हां
पंजीकृत व्यापारी के आकस्मिक दुर्घटना होने पर 10 लाख का बीमा की राशि विभाग द्वारा मुआवजे के रूप में दी जाती है जिससे व्यापारी के परिवार को सहायता मिलती है ।
जीएसटी पंजीयन लेने से 10 लाख रुपये का मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना का लाभ मिलता है, इसके लिए उनको कोई प्रीमियम जमा नहीं करना पड़ता।
जीएसटी पंजीयन के अन्य फायदे
को व्यक्ति नौकरी करते है पर खुद का व्यवसाय भी करना चाहते है उन्हे जीएसटी पंजीयन अपनी पत्नी बच्चे या माता पिता के नाम से करा लेना चाहिए ताकि वेतन के साथ साथ बिजनेस का भी लाभ उठा सके।
जीएसटी पंजीयन व्यापारी सम्मान का प्रतीक है।
जीएसटी कर प्रणाली में समस्त कार्य घर बैठकर ऑनलाइन कर सकते हैं, कार्यालय जाने की जरूरत नहीं।
देश के किसी भी राज्य से खरीदे गए माल पर आईटीसी की निर्बाध सुविधा मिलती है यानी पुनः बिक्री पर कर दायित्व में फायदा मिलता है
डेढ़ करोड़ वार्षिक कारोबार सीमा तक छोटे व मझोले व्यापारियों के लिए समाधान योजना लागू की गई है
सभी पंजीकृत व्यापारियों को 10 लाख का दुर्घटना बीमा हो जाता है। बीमा योजना के लिए कोई प्रीमियम नहीं देना पड़ेगा।
छोटे व मझोले व्यापारियों के लिए अत्यंत सरल रिटर्न फॉर्म सुविधा।
शून्य खरीद बिक्री से संबंधित रिटर्न एसएमएस के माध्यम से दाखिल करने की सुविधा।
5 करोड़ तक कारोबार सीमा के व्यापारियों के लिए तिमाही रिटर्न की सुविधा जीएसटी में दी गई है
40लाख की बिक्री या 20 लाख तक की सेवा के लिए जीएसटी अनिवार्यता नहीं
जिन व्यापारियों का इससे नीचे का कारोबार है, वह भी पंजीयन लेकर राज्य व राजस्व में सहायक हो सकते हैं