बल्दीराय- तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत हेमनापुर के पूरे रामप्रसाद पांडेय में चल रही संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के सातवें दिन कथा व्यास ने भगवान श्रीकृष्ण के विवाह का प्रसंग सुनाया।
भागवत कथा की मुख्य यजमान पुष्पा पांडेय पत्नी विष्णुदत्त पांडेय रहीं। कथा व्यास पंडित अरविंद तिवारी(रामनगरी अयोध्या) ने बताया कि विदर्भ के राजा भीष्मक के घर रुक्मिणी का जन्म हुआ। वह बाल अवस्था से भगवान श्रीकृष्ण को सच्चे हृदय से पति के रूप में चाहती थी। लेकिन उसका भाई रुक्मिणी का विवाह गोपल राजा शिशुपाल के साथ कराना चाहता था।
रुक्मिणी ने अपने भाई की इच्छा जानी तो उसे बड़ा दुख हुआ। अत: शुद्धमति के अंतपुर में एक सुदेव नामक ब्राह्मण आता-जाता था। रुक्मिणी ने उस ब्राह्मण से कहा कि वे श्रीकृष्ण से विवाह करना चाहती हैं।
कथावाचक ने बताया कि रुक्मिणी ने स्वयं को प्राप्त करने के लिए उपाय भी बताया। पत्र में रुक्मिणी ने बताया कि वह प्रतिदिन पार्वती की पूजा करने के लिए मंदिर जाती हैं, श्रीकृष्ण आकर उन्हें यहां से ले जा सकते हैं। पत्र के माध्यम से रुक्मिणी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि आप इस दासी को स्वीकार नहीं करेंगे तो मैं हजारों जन्म लेती रहूंगी।
कथा व्यास ने बताया कि पार्वती के पूजन के लिए जब रुक्मिणी आई, उसी समय प्रभु श्रीकृष्ण रुक्मिणी का हरण कर ले गए। अत: रुक्मिणी के पिता ने रीति रिवाज के साथ दोनों का विवाह कर दिया। इंद्रलोक से सभी देवताओं द्वारा पुष्पों की वर्षा की गई।
कथा कार्यक्रम में सम्मिलित कुलगुरु गिरीश पति त्रिपाठी जी महाराज, प्रवेश तिवारी, रामकलप तिवारी, शम्भूदत्त पांडेय, राजनारायण पांडेय,आदित्य पांडेय, सर्वेश पांडेय, ज्ञानप्रकाश पांडेय, आनन्द पांडेय,कालिका प्रसाद तिवारी, संगम लाल, भवानीफेर मिश्र, रामदीन तिवारी, प्रेम मिश्र, सिद्धनाथ तिवारी,रामसुरेश तिवारी, संतोष पांडेय, सुरेश मिश्र, गब्बू तिवारी, कल्लू पांडेय, रामअवध यादव, डी.के. यादव, अभिषेक सिंह, अंकित तिवारी सहित बड़ी संख्या में महिलायें व पुरुष भक्तजन मौजूद रहे व बैठकर कथा का रसपान किया।