यूपीपीसीएस चयन परीक्षा-2012 में 32 में 4 यादव 2013 में 53 में 6, यादव 2014 में 42 में 7 यादव 2015 में 32 में 3 यादव एसडीएम यादव जाति के चयनित हुए थे। यह किसी से छुपा नहीं है कि अखिलेश यादव कि सरकार में 46 में 56 यादव SDM बने अरे sorry ???? 86 में 56 वाला प्रोपगेंडा खूब चलाया गया। लेकिन असल बातें उपरोक्त में लिखी हैं। यादव फोबिया से ग्रस्त गैर यादव ओबीसी जातियों के भाईयो तुम लोगों ने इन मनुवादी दल्लो के अपवाद में पडकर खुद तुम लोगो ने इस प्रोपेगेंडा को खूब हवा दी।अब बताओ गैर यादव पिछड़ी जातियों निषाद, बिन्द, विश्वकर्मा, प्रजापति, कश्यप, लोधी, राजभर, चौहान, काछी, कुशवाहा, मौर्य, साहू, शाक्य, कुर्मी, पाल आदि जातियों के भईया लोग बताओ जरा तुम लोग इस बार 2023 में भाजपा सरकार में 39 में 8 यादव एसडीएम कैसे चयनित हो गए? अखिलेश यादव सरकार में 30 में 5 यादव एसडीएम चयनित होने पर लोक सेवा आयोग के बोर्ड पर यादव सेवा आयोग लिख दिया गया था। इस बार 39 में 8 यादव एसडीएम चयनित होने पर क्यों नहीं लिखा गया?यूपीपीसीएस-2022 की 373 पीसीएस अधिकारियों में यादव जाति के 8 एसडीएम,4 डिप्टी एसपी,4 नायब तहसीलदार,3 डायट प्राचार्य सहित 27 यादव पीसीएस अधिकारी चयनित हुए हैं।
इतने यादव जाति के लोग इस बार कैसे हो गए? पूछो जरा अपने योगी मोदी जी से जो यादवो को फर्जी मुकदमा में जेल में डाल देते हैं फर्जी एनकाउंटर में मार देते हैं इन यादवो पर प्रेम तो बरसेगा नहीं तो ये चमत्कार कैसे हो गया…?भाजपा ने जब यूपीपीसीएस-2011 का अंतिम परिणाम 14 अगस्त 2013 को घोषित होने पर मीडिया ट्रॉयल कराकर झूठा प्रचार किया कि 86 में 56 यादव एसडीएम बना दिये गए। भाजपा ने यादव समाज व सपा सरकार के विरुद्ध गैर यादव पिछड़ी जातियों में नफ़रत पैदा करने के लिए इतना प्रोपगंडा किया कि मानो सपा सरकार में चुन चुन कर यादवों को नौकरी दी जा रही है।