इसके लिए खाद्य आयुक्त के स्तर पर एक समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें एक सदस्य खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन का होगा। यह समिति अनुमन्य वस्तुओं की समय-समय पर समीक्षा करते हुए इनकी संख्या में वृद्धि अथवा कमी कर सकने के लिए अधिकृत होगी।आदेश के मुताबिक उचित दर की दुकानों में गेहूं, चावल, दाल, आटा, चीनी, खाद्य तेल, मिट्टी का तेल, मोटा अनाज, नमक के अतिरिक्त जनोपयोगी रोजमर्रा की वस्तुएं और स्वास्थ्य सुरक्षा संबंधी वस्तुएं जैसे साबुन, शैम्पू, चाय, पेन, कॉपी, ओआरएस टैबलेट एवं घोल, निरोध, सैनेटरी नैपकीन आदि के विक्रय करने की अनुमति वर्ष 2019 में प्रदान की गई थी। इसी शासनादेश के तहत अब कुछ और वस्तुओं को भी इसमें शामिल किया गया है। इन वस्तुओं में दूध एवं दूध से बने पैक्ड उत्पाद, बिस्किट, ब्रेड, गुड़, घी, नमकीन, सूखे मेवे, मिठाई, मसाले, दूध पाउडर, बच्चों के कपड़े (होजरी), राजमा, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री, सोयाबीन, क्रीम, धूपबत्ती, कंघी, दर्पण, झाडू, पोछा, ताला, छाता, रेनकोट, वॉल हैंगर, टूथब्रश, डिटर्जेंट पाउडर, मच्छररोधी अगरबत्ती, बर्तन धोने वाले बार, विद्युत का सामान, टार्च, दीवार घड़ी, माचिस, नायलॉन एवं जूट रस्सी, प्लास्टिक पानी पाइप, प्लास्टिक बाल्टी, मग, छलनी, हैंडवॉश, बाथरूम क्लीनर, शेविंग किट, बेबी केयर उत्पाद (डायपर, साबुन, तेल, वाइप्स, बॉडी लोशन) आदि को शामिल किया गया है।